महोबा। कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में महोबा के तत्कालीन एसपी व आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में कोतवाली में तैनात रहे उपनिरीक्षक सतीश चंद्र मिश्रा समेत कई पुलिसकर्मियों की जांच एसआईटी को दी गई थी। जांच में एसपी और दरोगा दोषी पाए गए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद से आईपीएस फरार चल रहा है। उस पर प्रदेश सरकार की तरफ से एक लाख रूपए का नाम रखा गया है। अब लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई की जांच में सामने आया है कि कोतवाली में तैनात रहे दरोगा ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। जिसके बाद कबरई थाने में दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया है, मौजूदा समय उसकी श्रावस्ती में तैनाती है।
क्या है पूरा मामला
महोबा में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने सात सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर छह लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए इंटरनेट मीडिया में वीडियो वायरल किया था। आठ सितंबर को गले में गोली लगने से वह अपनी कार में घायल मिले थे। 13 सितंबर को कानपुर में उनकी मौत हो गई थी। एसआईटी की जांच में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार, दरोगा देवेंद्र शुक्ला, सिपाही अरुण यादव, व्यापारी सुरेश सोनी और ब्रह्मदत्त आत्महत्या के लिए उकसाने और भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए थे। पांचों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इसमें चार आरोपित जेल में हैं और मुख्य आरोपित मणिलाल पाटीदार फरार है। उसपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है।
एसआईटी ने की थी मामले की जांच
एसआइटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एसपी समेत पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ओर से जांच की जा रही है। इस क्रम में दारोगा सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की पुष्टि होने पर भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव, सूरज यादव व सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक सुरेंद्र नारायण, उपनिरीक्षक विजय कुमार द्विवेदी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ इकाई ने दर्ज करवाया मुकदमा
भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ इकाई के निरीक्षक प्रवीण सान्याल ने कबरई थाने में दी तहरीर में कहा है कि व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच का अनुमोदन किया था। इस जांच में वर्ष 2020 में महोबा कोतवाली में तैनात रहे उपनिरीक्षक सतीश चंद्र मिश्रा ने अपनी कमाई से ज्यादा खर्च किया है। तहरीर के आधारा पर दारोगा सतीश चंद्र पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने में भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है।
11 लाख 70 रुपये खर्च से अधिक मिला
मूल रूप से फतेहपुर जनपद के मलवां थाना क्षेत्र के तारापुर निवासी उपनिरीक्षक सतीश चंद्र मिश्रा मौजूदा समय में श्रावस्ती में तैनात हैं। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच में सामने आया है कि उपनिरीक्षक ने 2019 से सितंबर 2020 के बीच वैध स्रोतों से 69 लाख 60 हजार 438 रुपये की आय अर्जित की, जबकि 80 लाख 60 हजार 508 रुपये खर्च किए। आय के सापेक्ष 11 लाख 70 रुपये खर्च अधिक मिला। आय से अधिक खर्च करने के संबंध में उपनिरीक्षक कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा सके।