फतेहपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के आलाधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि जिन-जिन तालाबों पर दबंगों ने कब्जा किया हुआ है, उन्हें मुक्त कराने के साथ ही कब्जाधारियों पर एक्शन करें। लेकिन फतेहपुर जनपद की ग्राम पंचायत सलेमपुर कनैरा के ‘भू-माफिया’ योगी व उनके अफसरों से नहीं डरते। यहां के कनैरा मैयचक में तीन तालाबों पर ‘भू-माफिया’ ने कब्जा कर वहां मकान खड़े कर लिए हैं। इसके साथ ही तालाब को मिट्टी से पाटकर फसल उगा रहे हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी, एसडीएम बिंदकी और सीएम पोर्टल में कईबार शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, जिससे उनके हौसले बुलंद हैं। तो वहीं वन्यजीव पानी के बिना तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। जबकि किसान अपने मवेशियों को औने-पौने दामों में बेचने पर मजबूर हैं।
गटक गए पूरा तालाब
कनैरा मैयचक गांव के रहने वाले मनीष कुमार, संजीव अवस्थी, प्रदीप, फूलसिंह यादव आदि ने बताया कि गांव में काफी पुराने तीन तालाब थे। भू-अभिलेखों में तीनों तालाब दर्ज हैं। गांव के बीचोंबीच एक करीब 6 एकड़ का तालाब था। बताया कि, इसका निर्माण अंगेजों के शासनकाल के दौरान एक जमीदार ने करवाया था। छह एकड़ में फैले इस तालाब में पूरे साल पानी लबालब भरा रहता था। 2002 में सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार बनीं तो गांव के दबंगों की टेड़ी नजर इस तालाब पर पड़ी। गांव के बरातीलाल, सदन उमराव, पंगू उमराव, रामकिशोर उमराव, राजू उमराव ने तालाब पर पहले कब्जा किया। ट्रैक्टर ट्राली से माटी लाकर तालाब को पूर लिया। इसके बाद तालाब की जमीन पर मकान खड़े कर लिए। वर्तमान में महज दो बिस्वा तालाब बचा है।
दूसरे तालाब पर भी किया कब्जा
गांव के बाहर करीब छह बीघे का तालाब था। पूरे साल इसमें पानी रहता था। जंगलों के पक्षी, मोर, सुजर्गमुर्ग समेत अन्य वन्यजीवों का यहां बसेरा रहता था। ग्रामीणों ने बताया कि विदेश से भी कभी यहां पक्षी आया करते थे। 2002 में इस तालाब पर गांव के दबंगों की नजर पड़ी। किसी ने घर खड़ा कर लिया तो किसी ने तालाब को मिट्टी से भरकर खेत बना लिया। मनीष बताते हैं, गांव के गणेश कश्यप के पिता के नाम तालाब का पट्टा है। गणेश के पिता की मौत के बाद दबंगों ने तालाब पर कब्जा करना शुरू कर दिया। मामले पर गणेश ने बताया कि, ग्राम प्रधान, लेखपाल, एसडीएम और डीएम फतेहपुर से शिकायत की, पर दबंगों पर कार्रवाई नहीं हुई। गणेश का आरोप है कि कुछ दिन पहले बरातीलाल ने शिकायत करने पर उसकी बेरहमी से पिटाई की थी।
तीसरा तालाब भी लापता
कनैरा मैयचक निवासी मनीष बताते हैं कि, गांव के तालाबों पर कब्जे की शुरूआत 2002 से हुई और 2017 तक बदस्तूर जारी रही। योगी सरकार आने के बाद ग्रामीणों को उम्मीद थी कि, शायद तालाबों पर खड़े मकानों पर बुलडोजर चलेगा, पर ऐसा हुआ नहीं। मनीष बताते हैं कि गांव के आखिरी छोर पर एक चार एकड़ का तालाब था। जिस पर गांव के इन्हीं दबंगों ने कब्जा कर लिया। वर्तमान में तालाब की जमीन पर पेड़ और फसल खड़ी है। मनीष का आरोप है कि, जहानाबाद विधानसभा सीट से सपा से जीते पूव विधायक मदनगोपाल के संरक्षण में तालाबों पर दबंगों ने कब्जा किया। 2017 में अपना दल एस से जय कुमार जैकी विधायक चुने गए और योगी सरकार में मंत्री बनें। ग्रामीणों ने उनसे शिकायत की। विधायक ने अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा, पर एक्शन नहीं हुआ।
नेताओं का मिला हुआ है संरक्षण
गांववालों की मानें तो 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बरातीलाल ने फिर से तालाब को मिट्टी से पाटकर पुरना शुरू कर दिया है। गणेश ने बताया कि, हमनें एसडीएम और तहसीलदार से शिकायत की। जांच के लिए गांव में लेखपाल आया। जांच-पड़ताल करने के बजाए वह दबंगों के घर पर चला गया। गणेश का आरोप है कि लेखपाल पैसे लेकर रिपोर्ट दबंगों के पक्ष में लगा दी, जिससे आलाधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। मनीष बताते हैं कि हमने सीएम पोर्टल में कईबार शिकायत दर्ज करवाई। जांच के लिए तहसील से अफसर आए, पर तालाब की जमीन पर खड़े मकान नहीं गिरे। मनीष का आरोप है कि दबंगों को पहले सपा विधायक का संरक्षण मिला था। 2017 से लेकर 2022 के बीच बीजेपी के नेताओं का हाथ इनके सिर पर रखा हुआ है।