नोएडा। भ्रष्टाचार के बल पर नोएडा सेक्टर-93ए में करीब 200 करोड़ की लागत से अवैध रूप से बनाई गई सुपरटेक ट्विन टावर रविवार की दोपहर ढाई बजे गिरा दी गई। इसे गिराने में 3500 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया। एक बटन के दबते ही पांच जोरदार धमाके हुए और महज 9 सेकेंड में 32 मंजिल की इमारत मिट्टी में तब्दील हो गई। टावर को गिराने से पहले पुलिस-प्रशासन की तरफ से सुरक्षा-व्यवस्था पहले से कड़ी कर दी गई थी। आसपास के रिहायशी इलाकों को खाली कराया गया था। इलाके की अन्य इमारतों को कपड़े से ढक दिया गया था। इस पूरी काईवाई के दौरान 560 पुलिसकर्मी, रिजर्व पुलिसबल के 100 जवान तैनात किए गए थे।
ट्विन टावर ताश के पत्तों की तरह गिर गए
नोएडा सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के एपेक्स और सियान टावर में रविवार को विस्फोट किया गया। विस्फोट होते ही कैसे ट्विन टावर ताश के पत्तों की तरह गिर गए। सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्त होने के बाद आसपास सोसायटी और सड़कों पर धूल और मलबा इकट्ठा हो गया है। सड़कों और फ्लैटों पर जमी धूल को हटाने का काम चालू हो गया है। सफाई प्रक्रिया को लेकर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। ताकि हवा में धूल न उड़े और प्रदूषण न हो। नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि टविन टावर के ध्वस्त होने से आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी की गई है कि सोसायटी के निवासियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
ऐसे गिराए गए टावर
सुपरटेक ट्विन टावर विस्फोट होने के बाद मलबे में बदल गया। जिनमें एपेक्स टावर 32 मंजिल और 102 मीटर का ऊंचा था। वहीं, सियान 29 मंजिल का (करीब 95 ऊंचा) था। अब वहां सिर्फ मलबा ही दिख रहा है। दोनों टावरों के पिलर में 9800 छेद किए गए, जिनमें 3500 किलो बारूद भरा था। 120 ग्राम से 365 ग्राम तक हर छेद में विस्फोटक लगाया गया। 40 लोगों ने विस्फोटक लगाया और 10 विशेषज्ञों की ओर से पूरी प्रक्रिया में योगदान दिया। एपेक्स और सियान टावर में दो-दो विस्फोट हुए। सियान टावर में पहला विस्फोट, जबकि एपेक्स में दूसरा विस्फोट किया गया। 200 से 700 मिली सेकेंड के अंतराल में सभी तलों में विस्फोट हुआ। रिमोट के जरिये बटन दबाकर इमारत को जमींदोज किया गया। ट्विन टावर सिर्फ 9-12 सेकेंड में धूल में मिल गए। इनसे करीब 88000 टन मलबा निकलने की संभावना है। जिसे हटाने में 3 महीने का समय लग जाएगा।
आरडब्ल्यू की पहल लाई रंग
फ्लैट बायर्स ने 2009 में आरडब्ल्यू बनाया। इसी आरडब्ल्यू ने सुपरटेक के खिलाफ कानूनी लड़ाई की शुरुआत की। ट्विन टावर के अवैध निर्माण को लेकर आरडब्ल्यू ने पहले नोएडा अथॉरिटी मे गुहार लगाई। अथॉरिटी में कोई सुनवाई नहीं होने पर आरडब्ल्यू इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। 2014 में हाईकोर्ट ने ट्विन टावर तोड़ने का आदेश जारी किया। शुरुआती जांच में नोएडा अथॉरिटी के करीब 15 अधिकारी और कर्मचारी दोषी माने गए। इसके बाद एक हाई लेवल जांच कमेटी ने मामले की पूरी जांच की। इसकी जांच रिपोर्ट के बाद अथॉरिटी के 24 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त की तारीख की मुकरर्र
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में सात साल चली लड़ाई के बाद 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया। इसके बाद इस तारीख को आगे बढ़ाकर 22 मई 2022 कर दिया गया। हालांकि, समय सीमा में तैयारी पूरी नहीं हो पाने के कारण तारीख को फिर बढ़ा दी गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 28 अगस्त को दोपहर ढाई बजे ट्विन टावर को गिरा दिया जाएगा।