याची ने बताया कि चयन समिति ने इस पद के लिए आवेदन करने वाले किसी अन्य व्यक्ति का इंटरव्यू तक नहीं लिया और न ही चयन के बाद यह बताया गया कि किस प्रक्रिया के तहत इसे अंजाम दिया गया है। नियुक्ति की सिफारिश करते हुए भी इससे संतुष्ट होने का कोई आधार नहीं बताया गया है..
पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) जालंधर के वीसी के तौर पर डॉ. सुशील मित्तल की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और यूनिवर्सिटी को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया हैयाचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने बताया कि पीटीयू के वीसी पद पर नियुक्ति करने के लिए जो चयन समिति बनाई गई थी वह यूजीसी के नियमों के खिलाफ थी। यूजीसी के अनुसार इस समिति का हिस्सा केवल उच्च शिक्षा के क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोग ही हो सकते हैं।
चांसलर ने इस नियुक्ति को मंजूरी देते हुए अपने आदेश में लिखा है कि दो साल से यह पद खाली है और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही इसे मंजूरी दी जा रही है। इसके साथ ही विभाग को भविष्य में सचेत रहने की हिदायत भी दी है। डॉ. सुशील मित्तल केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर हैं और ऐसे में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित नहीं हैं। ऐसे में उनकी नियुक्ति को रद्द कर पद से हटाना चाहिए।
याची ने बताया कि चयन समिति ने इस पद के लिए आवेदन करने वाले किसी अन्य व्यक्ति का इंटरव्यू तक नहीं लिया और न ही चयन के बाद यह बताया गया कि किस प्रक्रिया के तहत इसे अंजाम दिया गया है। नियुक्ति की सिफारिश करते हुए भी इससे संतुष्ट होने का कोई आधार नहीं बताया गया है। ऐसे में यह नियुक्ति यूजीसी के नियमों के खिलाफ है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में पंजाब सरकार व यूनिवर्सिटी को अगली सुनवाई पर पक्ष रखने का आदेश दिया है।