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डड्डूमाजरा के लोग हाईकोट पहुंचे: डंपिंग ग्राउंड के कारण हम बदतर हाल में, कोर्ट ने निगम से मांगा जवाब

करीब 50 हजार लोगों की स्थिति की व्यथा पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए नगर निगम को इस बारे में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ नगर निगम की आयुक्त आनंदिता मित्रा भी पेश हुई और कोर्ट को बताया गया कि प्लांट में तेजी से सुधार किया जा रहा है..

चंडीगढ़ के डड्डूमाजरा डपिंग ग्राउंड के हालात सुधारने व यहां से कचरे के पहाड़ों को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी व हलफनामे झूठ का पुलिंदा हैं। याची पक्ष की ओर से नगर निगम के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई। अर्जी में कहा गया कि निगम के अधिकारी कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं और स्थानीय लोग पशुओं से बदतर जीवन जीने को मजबूर हैं। इस अर्जी पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान याची पक्ष की ओर से अमित शर्मा व एडवोकेट मौली लखनपाल ने लोगों की स्थिति के बारे में कोर्ट को अवगत करवाया। अमित शर्मा ने इस दौरान अर्जी दाखिल कर बताया कि अभी तक निगम ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए स्थिति को सुधारने के लिए जो दावे किए हैं, वह सब झूठे हैं। कोर्ट को गुमराह करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस दौरान बीते दिनों की कुछ फोटो व वीडियो कोर्ट के समक्ष पेश की गई और बताया गया कि डंपिंग ग्राउंड से निकला गीला कचरा सड़कों पर बरसात के पानी के साथ बह रहा है। इस गंदगी के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। कचरे का पहले एक पहाड़ मौजूद था जो सही कचरा प्रबंधन न होने के चलते कई पहाड़ों में बदल गया है।

कोर्ट को बताया गया कि इस संबंध में नगर निगम की हाउस मीटिंग में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो गए हैं। याची पक्ष ने कहा कि नगर निगम की हाउस मीटिंग में जो कुछ हुआ किसी से छिपा नहीं है, जहां आधे हाउस को सदन से ही बाहर कर दिया गया था और विरोध के बीच डंपिंग ग्राउंड और गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट्स के प्रस्ताव पारित किए गए हैं, जिनका सिरे चढ़ना मुश्किल है।

यह है मामला 

डंपिंग ग्राउंड के कारण स्थानीय लोगों की बढ़ती परेशानी के चलते दीप्ति सिंह व अमित शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। जनहित याचिका में बताया गया था कि डंपिंग ग्राउंड रिहायशी इलाके के पास होने के चलते 50 हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं। अक्सर यहां आग लग जाती है और कई दिनों तक नहीं बुझती। इसके अलावा यहां से आने वाली दुर्गंध से लोग परेशान है।

 

 

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