पटना। योगी सरकार की तर्ज पर बिहार की पटना पुलिस अवैध कब्जाधारकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राजीव नगर पहुंची। जेसीबी के जरिए जैसे ही घरों को तोड़ना शुरू किया तो उपद्रवियों ने पुलिसबल पर हमला कर दिया। इसमें कई पुलिसकर्मियों के साथ ही सिटी एसपी अमरीश राहुल गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद आलाधिकारियों ने घायलों को अस्पताल में भर्ती करा करीब 2 हजार से ज्यादा पुलिस व अर्धसैनिकबल के जवानों को मौके पर बुलाया गया। आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ लाठीचार्ज कर पुलिस ने लोगों को खदेड़ने के साथ ही 17 जेसीबी के जरिए 70 घरों को ढहा दिया।
पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े
राजीव नगर थाना क्षेत्र के नेपाली नगर में नगर निगम की टीम रविवार को एसपी सिटी के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। अवैध कब्जों को ढहाने के लिए जैसे ही जेसीबी आगे बढ़ी, स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और पुलिसबल पर हमला कर दिया। उपद्रवियों ने एसपी सिटी को पीट दिया। इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस को कहना है जब हम अतिक्रमण हटाने आएं तो स्थानीय लोगों ने हम पर हमला कर दिया गया। लोगों के अपने घरों की छत से हम पर पत्थर फेंकें। इस दौरान हमारे कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। हालत को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। नेपाली नगर में स्थिति फिलहाल तवनावपूर्ण है। बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है।
12 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया
पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कार्रवाई जारी रहेगी। किसी कीमत पर जमीन को हम लोग अपने कब्जे में लेकर रहेंगे। डीएम ने बताया कि हमले में दो जवान और सीटी एसपी घायल हो गए हैं। 12 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से बाकी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। डीएम ने कहा कि फिलहाल सिचुएशन पूरी तरह से कंट्रोल में है। काम अच्छे से हो रहा है। डीएम ने कहा कि लोगों को पहले ही जानकारी दे दी गई थी, लेकिन ये लोग नहीं माने।
पुलिस और स्थानीय लोगों ने क्या कहा
पुलिस का कहना है कि ये सभी 70 घर हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बनाए गए है। जो अवैध है। हमने पहले ही सभी संबंधित लोगों को नोटिस भेज दिया था। घर खाली करने का निर्देश दिया गया था। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हम हर महीने नगर निगम को टैक्स देते है। ऐसे में हमारा मकान अवैध कैसे हुआ। हम बिजली, पानी कनेक्शन से लेकर सभी सरकारी सुविधाएं लेते हैं, तब हमारा मकान अवैध कैसे हो गया। लेकिन प्रशासन हमसे बात ही नहीं कर रहा और हमारे मकान को अवैध बताकर उसे तोड़ रहा है। हमने अपने मकान में जीवन भर की पूंजी लगा दी थी। ऐसे में प्रशासन के इस कदम ने हमें सड़क पर लाकर छोड़ दिया है।