कानपुर। एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के ‘खजांची’ जय बाजपेयी की मुश्किलें कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। बीतेदिनों जिला प्रशासन ने जय बाजपेयी को भूमाफिया घोषित किया था। जल्द ही आरोपी की अवैध रूप से कब्जाई जमीन, मकान पर बुलडोजर चलेगा तो वहीं आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) भी एक्शन में आ गया है। खजांची के अलावा उसके 53 साथियों पर ईओडब्ल्यू ने शिकंजा कस जांच शुरू कर दी है। विभाग ने शिकायतकर्त सौरभ भदौरिया को लखनऊ तलब कर साक्ष्य मांगे हैं।
कौन है जय बाजपेयी
जय बाजपेयी मूलरूप से कानपुर का रहने वाला है। जय का नाम बिकरू कांड के बाद बाहर आया था। जब गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने विकास की मदद के आरोप में जय को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि विकास के पैसों का सारा काम जय बाजपेयी देखता था और गैंगस्टर की मदद से इसने भी अवैध संपत्तियों के साथ रूपयों से तिजोरी भरी थी। फिलहाल जय पर गैंगस्टर के अलावा पुलिस-प्रशासन की तरफ से भूमाफिया की कार्रवाई की गई है।
सौरभ भदौरिया ने की थी शिकायत
जय के पड़ोसी एडवोकेट सौरभ भदौरिया ने इस प्रकरण में जय बाजपेयी, उसके 32 साथियों व 21 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अवैध रूप से धन अर्जित करने की शिकायत ईओडब्ल्यू में की थी। शासन के निर्देश पर ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी है। ईओडब्ल्यू ने एडवोकेट सौरभ भदौरिया को साक्ष्य के साथ लखनऊ बुलाया है। मामले पर सौरभ ने बताया कि उनके पास ईओडब्ल्यू के निरीक्षक रामनरेश माथुर का पत्र आया है, जिसमें कहा गया है कि विभाग ने उनकी शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। विवेचक ने उन्हें बयान देने के लिए बुलाया है।
650 करोड़ रुपये की संपत्तियों की जानकारी दी
सौरभ भदौरिया ने बताया कि उन्होंने जो शिकायत और उसका ब्योरा ईओडब्ल्यू को भेजा था, उसमें करीब 650 करोड़ रुपये की संपत्तियों की जानकारी दी गई है। जो भी संपत्तियां हैं, उनका पूरा विवरण उनके पास है। जल्द ही वह संपत्तियों के बैनामे व अन्य साक्ष्यों के साथ ईओडब्ल्यू के विवेचक के सामने पेश होंगे। सौरभ ने बताया कि इतनी बड़ी घटना सामने आने के बाद जय का गैंग पंजीकृत नहीं हुआ है। उनकी जानकारी में अगर गैंग बने तो करीब दो दर्जन ऐसे सक्रिय अपराधी हैं, जो कि उससे सीधे जुड़े हुए हैं।
भूमाफिया घोषित
जय बाजपेई को भू-माफिया घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही श्रम विभाग और कानपुर विकास प्राधिकरण की करोड़ों की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाला एसटीएफ के सिपाही शिवेंद्र सिंह भी अब भू-माफिया की सूची में शामिल होगा। जबकि जय बाजपेयी पर रेलवे की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। कानपुर की डीएम नेहा शर्मा ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी सभी जमीनों को खाली कराएं और सर्टिफिकेट जारी करें कि उनकी किसी भी भूमि पर कब्जा नहीं है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी सप्ताह जय की संपत्ति पर बुलडोलर चल सकता है।