विकास दुबे, एटा
कहते हैं किसी में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कामयाबी भी कदम चूमती है, ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है एटा की बेटी अपेक्षा यादव ने, भारत के सबसे बड़े ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) में रह कर एक वैज्ञानिक के तौर पर कर रही हैं देश की सेवा, एक बेटी अपेक्षा यादव मिडिल क्लास परिवार में जन्मी, अपेक्षा यादव के पिता पेशे से एक वकील हैं, अपेक्षा बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थी, एटा से इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगरा से ग्रेजुएशन नोएडा से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद डॉक्टर बनी, पढ़ाई पूरी करने के बाद डिसर्टेशन वर्क मास्टर्स का ऐम्स से कंप्लीट किया। फार्माक्लोगी से, 2014 में इंडिया हेविटेज सेंटर में जॉब के दौरान अपेक्षा में ईरान में हुए सेमिनार को लेकर भारत को भी रिप्रेजेंट किया है। आज अपेक्षा एक वैज्ञानिक के तौर पर भारत के सबसे बड़े रिसर्च सेंटर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में जॉब कर रही हैं और डायबिटीज को लेकर उनकी रिसर्च चल रही है। अपेक्षा ने भारत के ICMR रिसर्च सेंटर में कई कोरोना वैक्सीन बनाने पर सफलता हासिल की है। एटा जनपद वासियों को अपेक्षा पर गर्व है कि उनके द्वारा एटा जैसे जनपद से निकलकर देश के नंबर वन रिसर्च सेंटर में एक वैज्ञानिक के तौर पर वह काम कर रही हैं। इसको लेकर माता-पिता भी बहुत खुश हैं कि उनकी बेटी आज ICMR में बीमारियों पर रिसर्च कर देश की सेवा कर रही है।