रजत गुप्ता, इटावा
रूस और यूक्रेन में हमले के बीच पल-पल बदल रहे हालातों को लेकर वहां फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों के परिजनों को उनकी चिंता सता रही है। इसी कड़ी में जसवंतनगर के तीन छात्र यूक्रेन में फंसे हैं, उनके परिजनों ने भारत सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार लगाई है।
नगर के यादव नगर मोहल्ले में रहने वाले शिक्षक अमरपाल सिंह यादव के दो जुड़वां बेटे अमित और सुमित यूक्रेन की विनीट्सिया यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं जिनका तीसरा वर्ष है उनके परिजनों ने उन्हें पिछली बार करीब 5 माह पहले दिल्ली से फ्लाइट के जरिए विदा किया था। अक्सर फोन पर बातचीत होती रहती थी लेकिन 20 तारीख को अचानक जब भयभीत अवस्था में बेटों ने कॉल कर अपने पिता को बताया कि उनकी टिकट करा दो रूस कभी भी यहां हमला कर सकता है तो परिजनों ने 27 फरवरी की टिकट भी करा दी लेकिन 2 दिन में जब उनकी यूनिवर्सिटी से 20- 25 किलोमीटर की दूरी पर दो हमले हुए तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें नजदीक में बने बंकरों सुरक्षित कर दिया। इधर परिजन परेशान हैं कि कब उनके बेटों की घर वापसी आएंगें।
इसी तरह इसी मोहल्ले के योगेश यादव की एमबीबीएस की चौथी साल हैं जो यूक्रेन की राजधानी कीव में अध्ययनरत है। उसके पिता चरन सिंह यादव ने बताया कि करीब 10 माह पहले गया बेटा अभी 22 फरबरी को दहशत में था। उसने काल कर बोला कि मुझे वापस बुला लो तो 26 फरबरी के लिए फ्लाइट बुक कर दी थी लेकिन अब युद्ध के बाद तो सारी फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं। योगेश के बड़े भाई लोकेंद्र ने बताया कि वह भाई से लगातार संपर्क बनाए हुए है। ऑडियो वीडियो कॉल करके हालचाल ले रहे हैं। फिलहाल योगेश को अन्य सहपाठियों के साथ बंकर में सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने भी भारत सरकार से अपेक्षा की है कि योगेश को किसी तरह वापस लाया जाए।