न्यूयार्क। भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी पर शुक्रवार रात न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला हुआ। ये हमला उस वक्त हुआ जब वो एक लाइव प्रोग्राम में इंटरव्यू दे रहे थे। हमला किस वजह से हुआ इसकी अभी स्पष्ट जारी नहीं हो सकी है।सलमान मुस्लिम परम्पराओं पर लिखे उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर विवादों में रहे। ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खोमैनी ने 1989 में उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, ईरान के एक डिप्लोमैट ने कहा- हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है।
अचानक खून ही खून
बताया जा रहा है कि घटना चौटाउक्वा इंस्टीटयूशन में हुई। हमलावर तेजी से मंच पर आया। रुश्दी और इंटरव्यूअर पर चाकू से हमला कर दिया। इंटरव्यूअर के सिर पर भी हल्की चोट आई है। 24 साल के हमलावर का नाम हादी मातर है। उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। घटना के बाद मंच पर मौजूद सोफे और दीवार पर खून के छींटे दिखाई दिए। कार्यक्रम के दौरान ऑडियंस में मौजूद एक डॉक्टर ने बताया कि रुश्दी के शरीर पर कई घाव देखे गए।
खो सकते हैं आंख
घटना के बाद वहां मौजूद एक डॉक्टर ने फर्स्ट एड दी। इसके बाद एयर लिफ्ट करके हॉस्पिटल ले जाया गया। पुलिस के मुताबिक- रुश्दी के गले और पेट में जख्म हैं। रुश्दी के एजेंट एंड्रू यील ने कहा- सलमान वेंटीलेटर पर है। वो बिल्कुल बोल नहीं पा रहे हैं। मैं बस इतना कह सकता हूं कि खबर अच्छी नहीं है। वो एक आंख खो सकते हैं। लीवर पर भी गंभीर चोट है।
हजारों दर्शकों की मौजूदगी में कांड
‘द सैटेनिक वर्सेस’ सलमान रुश्दी का चौथा उपन्यास था। भारत और दुनिया के कई देशों में यह उपन्यास बैन है। यह 1988 में प्रकाशित हुआ था। रुश्दी पर पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान का आरोप लगा। रुश्दी जिस हॉल में लेक्चर के लिए पहुंचे थे, वहां करीब चार हजार ऑडियंस मौजूद थे। रुश्दी करीब 10 साल से पुलिस प्रोटेक्शन में थे। 1998 में तब के ईरानी राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी ने कहा- अब हम रूश्दी को कत्ल किए जाने का समर्थन नहीं करते। हालांकि, फतवा फिर भी वापस नहीं लिया गया।