Bhagat Singh Koshyari: महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) अपने पद से इस्तीफा (resignation) देना चाहते हैं। भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से सभी राजनीतिक (political) जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा जताई थी। सोमवार को राजभवन (Raj Bhavan) से जारी प्रेस रिलीज में जरिए जानकारी सामने आई है। उन्होने प्रधानमंत्री के मुंबई (Mumbai) यात्रा के दौरान पद मुक्त करने की बात कही थी।
राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य इत्मीनान की गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है। कोश्यारी ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र जैसे महान राज्य, संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन साल से ज्यादा समय के दौरान महाराष्ट्र की जनता से मिले प्यार और स्नेह को मैं कभी नहीं भूल सकता हूं। मुझे माननीय प्रधानमंत्री से हमेशा प्यार और स्नेह मिला है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कई बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन पर विपक्ष ने पक्षपाती होने का भी आरोप लगाया है।
भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर बयान दिया था। जिसके बाद विपक्ष के साथ-साथ राज्य सरकार के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। राज्यपाल कोश्यारी ने बीते साल नवंबर में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने दिनों के आइकॉन थे। राज्य में आइकॉन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था कि पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकॉन कौन है तो जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी का जवाब होता था। महाराष्ट्र में आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां बहुत सारे आइकॉन हैं। जहां छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के हैं, वहीं अंबेडकर और नितिन गडकरी हैं।