सहारनपुर। देश में नफरत की दुकान चलाने वाले मुल्क के दुश्मन हैं, गद्दार हैं और विरोधी देश के एजेंट हैं। नफरत का जवाब कभी भी नफरत से नहीं दिया जाता बल्कि मोहब्बत से दिया जाता है। आज हालत यह हो गए हैं कि लोग हमारे देश में ही हमसे पूछते हैं कि हमारा वतन कौन सा है। हमें अपने ही देश में अजनबी बना दिया गया है। ये बातें शनिवार को मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने सहारनपुर जिले के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधक समिति के दो दिवसीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कही।
मुसलमानों का चलना दूभर
मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि, देश में मुसलमानों का चलना दूभर कर दिया गया है और बात अखंड भारत बनाने की जाती है। उन्होंने कहा, आप इस मुल्क के साथ दुश्मनी कर रहे हैं, आप पीछे मुड़ के देखें, आप क्या पा रहे हैं और क्या खो रहे हैं। मदनी ने कहा, हम कमजोर हैं और हर जुल्म बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन अपने वतन पर आंच कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। ऐसा हमारी कमजोरी की वजह से नहीं, बल्कि हमारा मजहब हमें सिखाता है।
कौमें हमेशा रहती हैं
मदनी ने कहा, बहुत लोग राष्ट्र निर्माण की, राष्ट्रीय सुरक्षा की बातें करते हैं लेकिन जुल्म बर्दाश्त कर लेना, अपमानित हो जाना, बेइज्जत होकर भी खामोश रह जाना, कोई हमसे सीखें। मदनी ने कहा, हमारे बुजुर्गों ने बहुत मेहनत से मुल्क को आजादी दिलाई है और अगर किसी ने किसी चीज को हासिल करने के लिए कुर्बानी दी होती है तो उसे उस चीज की, उस घर की ज्यादा फिक्र होती है। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सत्ता हमेशा नहीं रहती है, कौमें हमेशा रहती हैं।
इसका फैसला जज करेंगे
मौलाना ने कहा, ज्ञानवापी को लेकर कोर्ट में जो मामला चल रहा है उसको लेकर हमे सड़कों पर नहीं जाना चाहिए। ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिला पत्थर शिवलिंग है या फव्वारा इसका फैसला जज करेंगे। जज का काम है किस तरह से जांच की जाएगी। इसको डिबेट का भी हिस्सा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने लोगों को नसीदत देते हुए कहा, हर आदमी जज न बने।
वीडियो कैसे वायरल हुई?
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वायरल हुए वीडियो पर मौलाना मदनी ने कहा, वीडियो कैसे वायरल हुई? यह कोर्ट का मैटर है, इसे बाहर नहीं आना चाहिए। टीवी डिबेट के दौरान मदनी ने बिना नाम लिए बीजेपी को खुश करने करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, किसी एक पार्टी को खुश करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।