वराणसी। कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में गठित ठीम ज्ञानवापी मंदिर के अंदर दाखिल हुई और गहमागहमी के बीच तहखाने के चार कमरों और चार कमरों और पश्चिमी दीवार के सर्वे की कार्यवाही हुई। सर्वे के बाद बाहर निकले विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा है कि वहां कल्पना से बहुत कुछ ज्यादा है। उन्होंने कहा कि रविवार को भी सर्वे होगा और पुख्ता साक्ष्य बाहर आएंगे। बिसेन ने कहा कि कुछ ताले खोले गए, कुछ ताले तोड़ने पड़े। जितेंद्र सिंह ने कहा कि, हम सभी बातें मीडिया में नहीं बता सकते।
पहले दिन सफलतापूर्वक पूरा हुआ सर्वे
ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे का काम पहले दिन सफलतापूर्वक पूरा हो गया। टीम ने तहखाने का सर्वे किया गया। दोनों पक्षों के वकील के साथ कोर्ट द्धारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर की मौजूदगी में चार घंटे तक सर्वे का काम चला। तहखाने के ताले खोले गए। करीब चार घंटे तक तहखाने से लेकर परिसर की वीडियोग्राफी की गई। तहखाना कई सालों से बंद होने के चलते वहां कचरा और सांप होने का अंदेशा था। जिसके चलते सपेरों को बुलवाया गया था। लाइट की व्यवस्था भी की गई थी।
शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे चल रहा है
सर्वे के बाद मस्जिद से बाहर आए वकीलों ने कहा कि, वादी-प्रतिवादी और पुलिस-प्रशासन, सभी पक्ष सहयोग कर रहे हैं। शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे चल रहा है। वकीलों ने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट अत्यंत गोपनीय है। न्यायालय का आदेश है कि जो कोई भी कार्यवाही को लेकर बाहर कुछ लीक करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वकीलों ने ये भी कहा कि सर्वे की कार्यवाही कल यानी 15 मई को भी जारी रहेगी। वहीं पुलिस कमिश्नर सतीश गणेश ने बताया कि कल भी वीडियोग्राफी जारी रहेगी।
भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स तैनात
इस सर्वे के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर से पहले क़रीब 800 मीटर की दूरी पर थाना चौक के पास सभी लोगों को रोक दिया गया। वहां भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स तैनात थी। वाराणसी के कौशल राज शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को सभी संबंधित पक्षों की एक अहम बैठक हुई और उन सभी से अपील की गई कि वे अदालत द्वारा गठित आयोग के काम में पूरा सहयोग करें और कानून-व्यवस्था बनाए रखें। उन्होंने बताया कि इस बैठक में मुस्लिम पक्ष के वकील भी मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है
उधर मुस्लिम पक्ष ने स्थानीय अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि उसका कहना है कि अगर उच्चतम न्यायालय इस पर कोई फैसला नहीं देता है तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है। तब तक वह ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य में सहयोग करेगा।