अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। पाटीदार नेता ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला बहुत पहले कर लिया था। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक न्यूज चैनल के साथ खास बातचीत के दौरान किया था। हार्दिक ने कहा था कि कांग्रेस के नेता दिल्ली में बैठे आलाकमान को खुश करने में व्यस्त रहते हैं। जनता से उनका जुड़ाव नहीं है। इसी के कारण कांग्रेस सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। आने वाले आठ-दिन के अंदर वह किस दल में जाएंगे, उसके बारे में जानकारी देंगे।
अगली पार्टी को लेकर उन्होंने कहा, ’रास्ता तय हो चुका है और सभी को जल्दी पता लग जाएगा। हर व्यक्ति समाज का हित, राष्ट्र का हित, राज्य का हित समेत चार मुद्दों के सात अपने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ता है।’ उन्होंने कहा, ’आगे जागर, मैं सब कुछ हासिल करूंगा, जो कांग्रेस के साथ रहते नहीं कर सका। मैं गुजरात के लोगों के रास्ते पर चलूंगा और उनकी भलाई के लिए काम करूंगा।
हार्दिक पटेल ने न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहा कि, ’मुझे नहीं लगता कि जिन मुद्दों का मैंने जिक्र किया है, उनपर काम करने के लिए कांग्रेस तैयार है।’ बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अगले 10 दिनों में फैसले का ऐलान करेंगे। पटेल ने कहा कि, वह गुजरात के लोगों के लिए काम करने के लिए राजनीति में आए हैं। जनसेवा करना ही मेरी जिंदगी का मकसद है। उन्होंने आगे कहा कि, ’मैं गुजरात में राजनीति में बीते साल सालों से हूं। कांग्रेस कई सालों से सत्ता में नहीं है। गुजरात के लोग कांग्रेस पार्टी को नहीं चाहते और उसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
हार्दिक पटेल ने कहा कि, गुजरात के लोगों का झुकाव भारतीय जनता पार्टी को स्वीकार करने की ओर ज्यादा है। मैंने जिन 4 मुद्दों पर बात की वह सत्तारूढ़ पार्टी के साथ ज्यादा मेल खाते हैं। मेरा फैसला अगले 10 दिनों में सभी के सामने होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि, मेरी विचारधारा केवल जनहित है। कांग्रेस किसके लिए काम करती है? अगर आप यह कह रहे हैं कि जनहित के लिए काम करने से अगर मेरी विचारधारा बदल गई है, तो मैं कहूंगा हां मैंने विचारधारा बदल ली है। चाहे बात सामाजिक हित, राज्य के हित या राष्ट्र हित की हो, मैंने विचारधारा बदली है।
बतादें, गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने तकरीबन तीन साल तक कांग्रेस में रहने के बाद कांग्रेस को छोड़ दिया है। उन्होंने बीते दिनों एक लंबा-चौड़ा इस्तीफा पत्र लिखकर कांग्रेस को आईना दिखाने का काम किया है। साथ ही उन्होंने पार्टी के भीतर अंतर्कलह का मुद्दा भी उठाया। हार्दिक ने खुलकर अपने पत्र में लिखा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता नहीं है। पार्टी के भीतर मेरा तिरस्कार किया गया जिसकी वजह से मैंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया। दरअसल, हार्दिक आगामी चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत बनाना चाहते हैं और उन्हें कांग्रेस आगामी चुनाव में मजबूत विकल्प के तौर पर नहीं दिख रही है, यही वजह है कि उन्होंने खुलकर कांग्रेस के खिलाफ बोला है।