कानपुर। 3 जून को कानपुर में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत चार को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर 14 दिन की रिमांड मांगी। अदालत ने सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब इन आरोपितों से एटीएस, के अलावा अन्य एजेंसियां कानपुर दंगे का राज के साथ ही पीएफआई कनेक्शन का राज उगलवाएंगी।
कौन है हयात जफर हाशमी
कानपुर हिंसा मामले की साजिश रचने वाले वाले जफर हयात हाशमी को शनिवार को उसके तीन अन्य साथियों के साथ यूपी एटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। हयात जफर हाशमी पर हिंसा फैलाने और लोगों को भड़काने का आरोप है। उसी ने फेसबुक के जरिए पोस्ट के जरिए लोगों को कानपुर में बाजार बंद करने और जेल भरो आंदोलन की अपील की थी। जफर हयात हशामी मौलाना मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन का संचालक है। सीएए और एनआरसी आंदोलन के बाद हिंसा के मामले में कानपुर के कर्नलगंज थाने में जफर हयात हाशमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
पीएफआई कनेक्शन के मिले सबूत
कानपुर हिंसा में इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की संलिप्तता के सबूत मिले हैं। इस हिंसा के मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी के घर से पुलिस ने ये दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस कमिश्नर विजय मीणा का कहना है कि पीएफआई से जुड़े कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। ये कागजात आरोपित हयात जफर हाशमी के घरों से बरामद किए गए हैं। पुलिस की अब तक की जांच में इस घटना का मास्टरमाइंड हयात ही है। हयात ने 3 जून को पीएफआई को कॉल भी किया था।
हिंसा का तानाबाना लखनऊ में बुना गया था
कानपुर हिंसा का तानाबाना लखनऊ में बुना गया था। हिंसा भड़काने के लिए यहां से संचालित ।यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल किया गया था। घटना को अंजाम देने के बाद चार मुख्य आरोपी पूरी रात इसी चैनल के दफ्तर में छुपे रहे। मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अपने सहयोगी जावेद अहमद खान के जरिये न्यूज चैनल से जुड़ा था। इस चैनल में पेशे से वकील सुल्तान सिद्दीकी, इमरान और जावेद अहमद पार्टनर हैं। सुल्तान चैनल का सबसे बड़ा साझेदार है। इस चैनल का ऑफिस कैसरबाग थानाक्षेत्र में कलेक्ट्रेट के पास बेगम हजरत महल पार्क के ठीक सामने पांडेय कॉम्प्लेक्स में है। कानपुर दंगे का मुख्य आरोपी हाशमी जावेद का खास दोस्त है।