Himalayan Vulture: कानपुर और देवरिया के बाद कौशांबी में विलुप्त प्रजाति का हिमायल गिद्ध (Himalayan Vulture ) मिला है। पहाड़ो की बर्फबारी की वजह से हिमालय में रहने वाली पक्षियों के सामने भोजन का संकट खड़ा गया है। हिमालय की वादियों में रहने वाली पक्षी पलायन कर रहे हैं। रविवार को कोर्रों गांव में हिमालयन गिद्ध मिला है। वन विभाग की टीम ने गिद्ध को रेस्क्यू कर गांव स्थित नर्सरी में संरक्षित कर दिया गया है।
झनपुर के कोर्रो गांव में रविवार को विशाल पंखों वाला गिद्ध मिला। जो ठंड से बुरी तरह कांप रहा था। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन कमियों को दिया। मौके पर पहुंच कर वन कर्मियों ने उसे गांव के बाहर एक सुरक्षित स्थान पर रखा। उसकी सुरक्षा के लिए एक व्यक्ति को नियुक्ति किया गया। जिससे कोई दूसरा जीव उसे नुकसान न पहुंचा सके। विशाल पंखो वाला इस गिद्ध को देख वन कर्मी हिमालयन प्रजाति का बता रहे है।
वन कर्मियों ने मौके पर पहुँचकर गिद्ध को अपने कब्जे में लिया। उसे गांव के बाहर बनी नर्सरी में संरक्षित कर एक व्यक्ति को उसकी सुरक्षा एवं खान पान की जिम्मेदारी सौपी गई है। फिलहाल गिद्ध काफी थका एवं ठण्ड से व्याकुल दिखाई पड़ रहा है। उसे धूप सेकने के लिए एक व्यक्ति की सुरक्षा में रखा गया है। ताकि कोई अन्य हिंसक जानवर उसे नुकसान न पंहुचा सके। गिद्ध ने अब तक थोड़ा पानी पिया है। खाने को रोटी दी गई। जिसे उसने नहीं छुआ। अब उसके लिए मांस का प्रबंध किया जा रहा है।
मंझनपुर मुख्यलय से महज 3 किलोमीटर की दूरी कर बसे गांव कोर्रो में दोपहर लोग खेतो में काम कर रहे थे। अचानक एक बड़ा विशाल काय पक्षी आसमान से उड़ाते हुए जमीन पर आकर बैठ गया। विशाल पंखो वाले गिद्ध के साथ ग्रामीणों ने फोटो लेने की होड़ मच गई। लोगों के मुताबिक गिद्ध के पंख 2-2 फुट से लम्बे है। उसकी आंखे काली, गर्दन लम्बी और चोंच नुकीली एवं पंजे मजबूत है।
वन अधिकारी दारा सिंह ने बताया,कोर्रो गांव में मिला गिद्ध हिमालयन गिद्ध जैसी प्रजाति का प्रतीत होता है। उसके तस्वीर लेकर उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। जानकारी एकत्रित कराई जा रहे है। गिद्ध किस हालत में यहां तक पंहुचा एवं किन हालत में वह जमीन पर गिरा और क्यों उड़ नहीं पा रहा है। इस सम्बन्ध में चिकित्सीय टीम को बुलाया गया है। फिलहाल वन विभाग की नर्सरी में उसे रखा गया है। जहाँ उसे पीने को पानी एवं खाने के लिए 1 किलो मांस की व्यवस्था की गई है।