उन्नाव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में उन्नाव जनपद के हसनगंज निवासी ओमप्रकश सिंह के काम की जमकर तारीफ की। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, आप ने जिस तरह से घर-घर में इंटरनेट की सुविधा पहुंचाई, वह काबिले तारीफ है। अपना नाम पीएम से सुनकर वह अब खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। ओमप्रकाश कहते हैं कि, समस्याओं से भागना नहीं बल्कि लड़ना चाहिए। ये सीख हमें खुद प्रधानमंत्री जी से मिली है।
कौन हैं ओमप्रकाश सिंह
ओमप्रकाश सिंह उन्नाव के हसनगंज के रहने वाले हैं। उनकी शादी पद्मिनी सिंह के साथ हुई थी और उनके दो बच्चे हैं। ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि, उन्होंने गांधी मिशन इंटर कालेज मोहान से इंटरमीडिएट की पढ़ाई। लखनऊ से स्नातक की शिक्षा ली और 2005 में एमएससी की डिग्री हासिल की। ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि, वर्ष 2019 से पहले वह डिग्री कालेज में संविदा पर शिक्षक की नौकरी करते थे, लेकिन वहां मन नही लगा तो जॉब छोड़ दी। ओम प्रकाश की पत्नी पद्मिनी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी से कामर्स में परास्नातक हैं। पद्मिनी महिलाओं का समूह संचालन करके सैनेटरी पैड बनाने का काम करती हैं। पद्मिनी ने भी गांव में पैड वूमेन की पहचान बनाई है।
पीएम मोदी की बात दिल को छू गई
ओमप्रकाश बताते हैं कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के एक कार्यक्रम को दिल्ली में संबोधित किया था, जिसमें भारत इंटरनेट की जानकारी मिली थी। पीएम की बात दिल को छू गई और हमने गांव आकर 2015 में कामन सर्विस सेंटर शुरू किया था। वह बताते हैं कि गांव में इंटरनेट नेटवर्क की समस्या थी और इससे सेंटर का काम भी काफी पिछड़ रहा था। इसपर उन्होंने दूर संचार निगम के अधिकारियों से पूछताछ की। उन्होंने जानकारी दी कि गांव तक बिछी फाइबर लाइन का प्रयोग नहीं हो रहा है। इसपर हसनगंज में भारत नेट की शुरुआत करने की ठानी।
पत्नी पद्मिनी ने भी काफी सहयोग किया
ओमप्रकाश सिंह बताते हैं कि हासनगंज गांव में भारत नेट की शुरुआत करने में पत्नी पद्मिनी ने भी काफी सहयोग किया। उन्हें सफलता मिली देश के डिजिटल गांवों में हसनगंज भी शामिल हो गया। पूरे गांव को वाईफाई जोन से जोड़ने के साथ ही अस्पताल, ब्लाक, तहसील, थाना और विद्युत उपकेंद्रों तक भी इंटरनेट पहुंचा दिया। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना काल के समय स्कूल-कालेज सब बंद होने पर गांव के बच्चों को भारत नेट से आनलाइन क्लास करने का लाभ लिया। बताते हैं, आज हसनगंज गांव में महिलाएं व युवतियां कंप्यूटर चलाती हैं और इंटरनेट पर सर्फिग करती हैं। इंटरनेट से जुड़कर ग्रामीण अधिकारों और सरकारी योजनाओं के प्रति सजग हो रहे हैं।
पद्मिनी ने गांव में पैड वूमेन की पहचान बनाई
ओम प्रकाश गांव के लिए डिजिटल हीरो बने तो उनकी पत्नी पद्मिनी ने भी गांव में पैड वूमेन की पहचान बनाई। दोनों ने मिलकर ग्रामीण महिलाओं को इंटरनेट और कंप्यूटर का ज्ञान देकर आगे बढ़ाने का काम किया। मौजूदा समय में ओम प्रकाश गांव में हसनगंज फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का संचालन कर रहे हैं। इसके माध्यम से वह किसानों को उचित दाम पर खाद, बीज और पशु आहार समेत कृषि से जुड़े संसाधन उपलब्ध कराते हैं।
ये सुविधाएं कराते हैं मुहैया
ओमप्रकाश, आनलाइन टेली मेडिसन, टेली लॉ और टेली काउंसलिंग का संचालन कर रहे हैं। फोन कॉल पर वह विशेषज्ञ डॉक्टर, वकील और सरकारी अफसर से कांफ्रेसिंग कराते हैं। टेली मेडिसन सुविधा में डॉक्टर से दवाई का पर्चा, टेली लॉ में वकील से कानूनी जानकारी दिलाते हैं और वह स्वयं भी सरकारी योजनाओं को जानकारी देते हैं।
400 के लगभग कनेक्शन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मन की बात में काम की तारीफ सुनकर ओमप्रकाश बेहद खुश नजर आ रहे हैं। वह कहते हैं कि वर्ष 2019 में ब्राड बैंड सेवा शुरू करने पर पहला कनेक्शन पंचायती राज विभाग ब्लाक हेड क्वार्टर में दिया था। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी, प्रधान, ग्राम सचिव सभी का सहयोग प्राप्त हुआ। इसके बाद गांवों में जाकर ब्राड बैंड के कनेक्शन करने की शुरुआत हुई और कारवां आगे बढ़ता रहा। हमारे कनेक्शन लगभग 300-400 के आसपास पहुंचे।