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बस ड्राइवर के बेटे के हाथों में हिमाचल की सत्ता का ’स्टीयरिंग’, बड़ी दिलचस्प है सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने की कहानी, पहाड़ के ‘सरकार’ ने दूध बेचकर की पढ़ाई

शिमला। हिलाचल प्रदेश Himachal Pradesh के अगले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu होंगे। सुक्खू रविवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे सीएम पद की शपथ लेंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू Sukhwinder Singh Sukhu की जिंदकी की कहानी बड़ी दिलचस्प है। सुक्खू Sukhwinder Singh Sukhu के पिता सरकारी बस में ड्राइवर driver in government bus थे। गरीबी और कठिन तपस्या के बल पर उन्होंने खुद के लिए राजनीतिक जमीन तैयार की। पढ़ाई के दिनों में खर्चा चलाने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू Sukhwinder Singh Sukhu ने दूध बेचा। इसके बाद वह कांग्रेस Congress Party में शामिल हुए। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधीFormer Prime Minister Rajiv Gandhi ने उन्हें एनएसयूआई NSUI का प्रेसीडेंट बनाया। इसके बाद उन्हें कांग्रेस Congress Party के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा संगठन में कई जिम्मेदारियां दी गईं। सुक्खू को गांधी परिवार का करीबी बताया जाता है। जमीन से जुड़े होने के चलते गांधी परिवार ने सुखविंदर सिंह सुक्खू Sukhwinder Singh Sukhu को पहाड़ की बागडोर सौंपी है।

कौन हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू
सुखविंदर सिंह का जन्म 26 मार्च 1964 को नादौन में हुआ था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पोस्टग्रैजुएशन के बाद एलएलबी की पढ़ाई की है। सुखविंदर सुक्खू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में तब की थी जब वह सरकारी कॉलेज संजौली, शिमला में छात्र थे। 2013 में सुखविंदर सुक्खू हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त हुए। 2019 तक वह इस पद पर रहे। 2003, 2007, 2017 और 2022 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए।

दो बेटियों के पिता हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू
1 जून 1998 को सुखविंदर सिंह सुक्खू की शादी कमलेश ठाकुर से हुई। उनकी दो बेटियां हैं जो दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रही हैं। अप्रैल 2022 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और टिकट वितरण कमिटी के सदस्य बने। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, उनके परिवार का राजनीति में दूर-दूर तक नाता नहीं था। बचपन से समाजसेवा करने का जज्बा था और इसी के चलते कांग्रेस पार्टी का दामन थामा। शिक्षा के दिनों में खर्च के लिए दूघ बेचा। सुक्खू ने कहा कि, उन्हें राजनीति में पूर्व पीएम राजीव गांधी लेकर आए और सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने हरवक्त कंधे से कंधा मिलाकर मेरा साथ दिया।

सत्ता का स्टीयरिंग विकास और अंतोदय के हित की दिशा में मोड़ेंगे
जिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता रशिल सिंह के हाथ में कभी सरकारी बस का स्टीयरिंग हुआ करता था, आज उन सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथ में हिमाचल प्रदेश की सियासत का स्टीयरिंग आ गया है। संघर्ष भरे जीवन से उठे सुखविंदर सिंह सुक्खू आम आदमी का दुःख जानते हैं इसलिए लोग भी उम्मीद कर रहे हैं कि सुक्खू सत्ता का स्टीयरिंग विकास और अंतोदय के हित की दिशा में मोड़ेंगे। साल 2017 में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फिर वापसी की और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें हिमाचल कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष की कमान दी गई और उसी समय से सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हो गया था।

पहली बार मूछों वाले मुख्यमंत्री होंगे सुक्खू
चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू का मुख्यमंत्री पद के लिए मुकाबला सीधा होली लॉज के साथ था। बावजूद इसके सुखविंदर सिंह सुक्खू की राजनीतिक समझ, संगठन पर पकड़, विधायकों के समर्थन और आलाकमान के आशीर्वाद ने सुक्खू को प्रदेश के शीर्ष पद पर बिठा दिया। यह पहली बार है जब कांग्रेस में मुख्यमंत्री शिमला संसदीय क्षेत्र से नहीं बल्कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से बना है। साथ ही सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में बिना मूछों के मुख्यमंत्री कि मिथ्या को भी तोड़ दिया।

वीरभद्र परिवार से रही है सियायी जंग
बता दें, सुखविंदर सिंह और वीरभद्र सिंह के परिवार के बीच सियासी जंग भी मानी जाती है। यह लड़ाई तब शुरू हुई थी जब 2013 में कांग्रेस ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।सुखविंदर सिंह सुक्खू जब प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे तो उन्होंने वीरभद्र सिंह के गुट के कार्यकर्ताओं और नेताओं को अहम जिम्मेदारियों से हटा दिया था। इस बात से वीरभद्र सिंह काफी खफा हुए थे। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले हालात इतने बिगड़ गए थे कि वीरभद्र सिंह ने घोषणा कर दी कि वह इस साल चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि सुक्खू और राजा साहब की इस लड़ाई में वीरभद्र सिंह की जीत हुई थी। पार्टी ने उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ा था हालांकि जीत हासिल नहीं हो पाई थी।

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