अश्वनी निगम
कानपुर देहात। खनन अधिकारी और माफिया के गठजोड़ से कानपुर देहात की भोगनीपुर तहसील के दौलतपुर घाट स्थित कोर्ट और सरकार के नियमों को ताक पर रख कर अवैध खनन का काम जोरों पर चल रहा है। नदी के सीने को चीर कर खनन माफिया मोटी कमाई कर रहे हैं। माफिया यहां दिन रात खनन करने में जुटे हैं। इतना ही प्रतिबंधित पोकलैण्ड के जरिए नदी से रेत निकाली जा रही है। खनन अधिकारी अजय यादव कार्रवाई के बजाए माफिया को बचा रहे हैं।
पोकलैण्ड के जरिए निकाली जा रही रेत
भोगनीपुर तहसील के दौलतपुर घाट पर हरदिन सैकड़ों ट्रक यमुना नदी से रेत निकाल कर उसे बाजार लेकर जाते हैं। प्रतिबंधित पोकलैंड मशीन के जरिए नदी का सीना चीर कर खनन को निकाला जा रहा है। इसकी जानकारी खनन विभाग के अलावा जिले के आलाधिकारियों को भी है, लेकिन माफिया पर एक्शन के बजाए उन्हें बचाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि, माफिया के सिर पर खनन अघिकारी अजय यादव का हाथ रखा हुआ है। खनन अघिकारी के इशारे पर नदी से रेती निकाले जाने का काम जोरों पर चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट भी लगा चुका है प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट आदेशों पर 1 मार्च, 2010 को प्रदेश में खनन पर प्रतिबंध लग गया था। इस दिन के बाद किसी भी प्रकार का खनन करना समझो कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है और यह कानून छोटी सी नदी से लेकर यमुना नदी तक हर जगह लागू होते है। प्रतिबंध तो अवश्य लग गया, लेकिन निचले स्तर पर सख्ती से पालना नहीं हो पाई। कहीं राजनीतिक पहुंच तो कहीं पुलिस से मिलीभगत के चलते अवैध खनन का सिलसिला शुरू हो गया। माफिया धीरे-धीरे हावी होता चला गया और अवैध खनन एक काले धंधे के रूप में उभरकर सामने आया। निमार्ण कार्य में प्रयोग होने वाली कच्ची सामग्री के रेट कई गुणा बढ़ गए और बीत चार वर्ष की बात की जाए तो अरबों रुपये सरकारी कोष में जमा हुआ। इस दौरान यदि नुकसान हुआ तो केवल आमजन हो हुआ।
एनजीटी ने भी लगाई हुई है रोक
स्थानीय लोगों का कहला है कि भारी भरकम पोकलैंड के जरिए रेत निकाली जा रही है। जिसके चलते जलीव जंतुओं को नुकसान हो रहा है। बता दे, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम 2010 (एनजीटी) के तहत कोई भी बालू ठेकेदार किसी भी नदी की जलधारा से बालू का खनन नहीं कर सकता है। यदि कोई भी ठेकेदार या पट्टा धारक नियमों का उल्लंघन करते पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही के साथ सजा का प्राविधान है। जबकि यहां पर एक नहीं दर्जनों पोकलैंड के जरिए बालू निकाली जा रही है। ग्रामीणों ने डीएम के अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ से इस पर रोक लगाए जाने की मांग की है।
बुलंद हैं माफिया के हौसले
माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि वह सरकारी तंत्र पर भारी पड़ रहे हैं। गलियों और सड़कों से गुजरते समय रेत से भरे इन वाहनों की स्पीड इतनी होती है कि मजाल क्या अन्य कोई वाहन इनका मुकाबला कर ले। पूरी रात रेत से भरे ट्रकों को मार्गो से गुजरता हुआ देखा जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि जिला खनन अधिकारी अजय यादव से अवैध खनन पर रोक की कईबार मांग की गई, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन अधिकारी की मिलीभगत से यहां पर अवैध खनन का काम माफिया कर रहे हैं।