खंडवा। यूपी और असम में मदरसों पर हुई कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश में भी प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने अब जल्द ही अवैध मदरसा पर कार्रवाई किये जाने के संकेत दिए है। उन्होंने कहा है कि ऐसे सभी मदरसों की जांच होना चाहिए जिन्हें मदरसा बोर्ड की अनुमति नहीं है और जिन मदरसों ने जिला शिक्षा अधिकारियों से अनुशंसा नहीं काई है। उन्होंने कहा कि ऐसा हर मदरसा बंद होना चाहिए क्योंकि ये अवैध मदरसे किस प्रकार का काम करेगें इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं ले सकता है।
मानव तस्करी का मामला उठाया
उन्होंने मदरसों का जिक्र करते हुए मानव तस्करी का मामला भी उठाया। मंत्री ने कहा, हमारे बाल आयोग के कुछ लोगों द्वारा निरीक्षण किया गया जिसमें देखा गया कि अवैध मदरसे में 30 से 40 छोटे-छोटे बच्चे कैद हैं। बच्चों को रहने के लिए स्वच्छ वातावरण नहीं है, खाने पीने की व्यवस्था नहीं है जबकि बच्चे राष्ट्र की धरोहर होते हैं। उनकी रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। हमें डर लगा कि कहीं ये मानव तस्करी का मामला तो नहीं है।
असम में आतंकी कनेक्शन
गौरतलब है कि असम के मोरीगांव में एक मदरसे को गुरुवार को बुलडोजर से गिरा दिया गया। इस मदरसा के संचालक को कथित बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन अंसारुल इस्लाम से संबंध होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है।
- कैसे चल रहे हैं अवैध मदरसे
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 7000 से अधिक मदरसे चल रहे हैं, जिनमें से मात्र 2200 को ही मान्यता प्राप्त है।
जबकि बड़ी संख्या उन मदरसों की भी है, जिन्हें मान्यता नहीं है।
मदरसा बोर्ड तीन साल के लिए रजिस्ट्रेशन करता है।
बिना मान्यता के मदरसों का संचालन वैध नहीं है।
स्कूल शिक्षा विभाग भी जांच के बाद इनको सत्यापित करता है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में ये मदरसे संचालित हो रहे हैं।