दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में अलग-अलग घटनाओं में 6 बच्चों की डूबने से मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने सड़क पर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर अपना गुस्सा निकाला। दमोह पुलिस ने बताया कि हमें बच्चों के डूबने की सूचना प्राप्त हुई थी। वहां का रास्ता कठिन होने की वजह से हमें भी पहुंचने में समय लगा। स्थानीय लोगों ने ही बच्चों के शव निकाले और अस्पताल ले गए थे। स्थानीय लोग व्यवस्था से खुश नहीं है इसलिए उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों के प्रदर्शन के बीच दमोह एसडीएम गगन बिसेन और सीएसपी अभिषेक तिवारी ने मोर्चा संभाला और रात दो बजे धरना खत्म कराकर शव पुलिस कब्जे में लिए गए। जिले में एक दिन में तीन घटनाओं में 6 बच्चो की मौतों ने सबको हिला दिया है।
तालाब में डूबे तीन बच्चे
पहला मामला दमोह जिले के तेंदूखेड़ा से सामने आया है। जहां के नरगवां तालाब में बुधवार की शाम चार बच्चे नहाने गए थे। जिनमें से तीन तालाब में अंदर गए और चौथा बच्चा तालाब के बाहर था। तीन दोस्तों को डूबता देखा चौथा बच्चा बस्ती में आया और खबर की तो इलाके के लोग तालाब पर पहुंचे। पुलिस को मिली सूचना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ और देर रात तीन शव तालाब से बरामद किए गए। तालाब में डूबने वाले बच्चे 11, 13, और 15 साल के थे जिनके शव तेंदूखेड़ा के अस्पताल की मॉर्चुरी में रखे गए हैं।
खदान के पानी में मासूम डूबा
एक अन्य घटना में खदान में भरे पानी में एक मासूम डूब गया। बताया जा रहा है कि ये घटना जिले के जबेरा इलाके के भाट खमरिया क्षेत्र में एक मुरम खदान में बने गड्ढे में एक 15 साल का बच्चा डूब गया। ये बच्चा भी शाम के वक़्त नहाने गया था और गहराई में जाने की वजह से खुद को संभाल नहीं पाया और हादसे का शिकार हो गया।
स्कूल के निकले निकले बच्चों के मिले शव
एक घटना में यहां दो मासूम दिन भर से घर से गायब थें। दोनों स्कूल के लिए सुबह घर से निकले थे लेकिन देर शाम तक घर नही पहुंचे तो घर वालों ने तलाश शुरू की। पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस ने भी तलाश शुरू की। देर शाम जबलपुर नाका क्षेत्र की किशन तलैया में बच्चों के डूबने की खबर मिली तो रात के अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। दोनों के शव बरामद कर लिए गए लेकिन बच्चो के शरीर पर कुछ जख्म देखकर परिजन इसे हादसा मानने तैयार नहीं हैं।