देश में हर साल करीब 4.5 लाख सड़क हादसे होते हैं, इनमें करीब 1.5 लाख लोगों की मौत होती है और करीब 4.5 लाख लोग घायल होते हैं. चिंता की बात यह है कि पांच फीसदी से अधिक मौतें और इतने ही घायल गलत दिशा में ड्राइविंग करने की वजह से होते हैं. रोड ट्रांसपोर्ट के एक्सपर्ट मानते हैं कि इन हादसों को रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए सख्त करने होंगे. जिससे वाहन चालक रोड में गलत दिशा में ड्राइविंग न कर सके..
पिछले पांच वर्षों में गलत दिशा में वाहन चलाने से करीब 43000 मौंते हुई हैं. वर्ष 2021 में 8122 लोगों की मौत हुई हैं और यह कुल हुई मौत का 5.3 फीसदी है. वहीं 20351 लोग घायल हुए हैं. यह आंकड़ा कुल घायल होने वालों में 5.3 फीसदी है. पिछले पांच वर्षों का रिकार्ड देखें तो गलत दिशा में ड्राइविंग से मौत और घायल होने वालों का आंकड़ा करीब पांच से छह फीसदी के आसपास रहा है.
मौत का यह आंकड़ा ऐसा है जो आम लोगों की जागरूकता से कम किया जा सकता है. इस संबंध में ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट गलत दिशा में वाहन चलाने वालों पर सख्ती और बरतनी चाहिए, ऐसे वाहनों पर की जा रही कार्रवाई नाकाफी है.
सेव लाइफ फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी के अनुसार गलत दिशा में वाहन चलाने वालों पर और भी सख्ती कार्रवाई की जा सकती है. एमवीएए की धारा 177 के तहत पहले पहली बार 500 रुपये का जुर्माना और दूसरी बार 1500 रुपये के जुर्माने प्रावधान है.
बल्कि इसमें खतरनाक ड्राइविंग मामते हुए एमवीएए की धारा 184 के तहत जुर्माने में 1000 रुपये का जुर्माना या पहले अपराध के लिए 6 महीने की कैद या दोनों, इसके बाद 2000 रुपये का जुर्माना या 2 साल तक की जेल शामिल करना चाहिए. आईपीसी की धारा 279 का इस्तेमाल 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों देने के लिए भी किया जा सकता है.
साथ ही, गलत दिशा में ड्राइविंग के कारण हुई मौत को धारा 304 भाग II के तहत गैर इरादतन हत्या (हत्या की श्रेणी में नहीं) माना जाना चाहिए, इस तरह की सख्त कार्रवाई से गलत दिशा की ड्राइविंग में लगाम लगाया जा सकता है.
2021(फीसदी) 2020 2019 2018 2017:मौतें 8122 (5.3%) 7332 (5.6%) 9201(6.1%) 8764 (5.8%) 9527(6.4%)घायल 20351(5.3%) 19481 (5.6%) 24628 (5.5%) 24100 (5.1%) 30124 (6.4%)