कानपुर। पिछले कई दिनों से देश ही नहीं विदेश में गणेश महोत्सव की धूम हैं। कानपुर के मंदिरों के अलावा पंडालों में विराजमान जगानन के जयकारों की गूंज से पूरा शहर सराबोर है। साथ ही भक्त गणेश प्रतिमा का गंगा में विसर्जन कर रहे हैं तो वहीं पटकापुर इलाके में पंडाल ऐसा लगाया गया है जहां पर गणपति बप्पा को कोतवाल बनाया गया है। कोतवाल बप्पा के दर्शन को लोग पहुंच रहे हैं और बप्पा के इस स्वरूप को देखकर लोग बेहद खुश नजर आ रहे हैं। जबकि गजानन के गनर के रूप में मूषक तैनात हैं।
पटकापुर इलाके में हर साल गणेश महोत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार भी गणेश पंडाल सजाया गया है जिसमें गणपति बप्पा को कोतवाल बनाया गया है। वहीं उनके मूषक को उनका गनर बनाकर सजाया गया है। लोग कोतवाल बप्पा के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। यह अपने आप में एक अलग तरीके का आकर्षित पंडाल सजाया गया है, इसको पटकापुर पुलिस चौकी का नाम भी दिया गया है।
लोगों का कहना है कि भगवान गणेश की प्रथम पूजा जाता है.वहीं, पुलिस भी हम लोगों की रक्षा करती है तो वह भी हमारी पूजनीय हैं। इसीलिए बप्पा को कोतवाल के स्वरूप में वर्दी पहना कर सजाया गया है। बप्पा भी हम लोगों की रक्षा करते हैं। इसके अलावा यहां पर चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह समेत क्रांतिकारियों की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। यहां पर 10 सालों से गणेश महोत्सव मनाया जा रहा है। इस बार खास तरीके से यह गणेश महोत्सव पुलिस में समर्पित किया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कानपुर में गणेश महोत्सव की शुरूआत बाल गंगाधर तिलक ने की थी। घंटाघर इलाके में गजानन का मंदिर एक घर पर बनवाया गया था। गणेश महोत्सव पर्व पर क्रांतिकारी यहीं अंग्रेजों के खिलाफ बैठकर कर रणनीति बनाया करते थे। 1908 से लगातार कानपुर में गणेश महोत्सव मनाया जाता आ रहा है। कोरोना के चलते पिछले दो सालों से पंडाल नहीं सजे। लेकिन 2022 में हर गली मोहल्ले में बप्पा के जयकारे लग रहे हैं। गणेश मूर्ति का विजर्सन भी धूमधाम के साथ चल रहा है।