नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को महंगाई, जीएसटी के साथ ही केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत कई नेता काले कपड़े पहनकर नारेबाजी के साथ पुलिस से भिड़ गए। जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि, कांग्रेस ने विरोध के लिए इस दिन को चुना और काले कपड़े पहने क्योंकि वे अपनी तुष्टिकरण की राजनीति को और बढ़ावा देने के लिए एक सूक्ष्म संदेश देना चाहती हैं। क्योंकि इसी दिन पीएम मोदी ने राम जन्मभूमि की नींव रखी थी।
अमित शाह ने कहा कि आज तो कोई प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ नहीं की। फिर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन क्यों किया हैं। आगे कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति को आगे बढ़ाया। उन्होंने आज के दिन हुए विरोध प्रदर्शन पर भी सवाल उठाया। अमित शाह ने कहा कि आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आज का विरोध इसीलिए किया है क्योंकि वह एक संदेश देना चाहते थी कि हम राम मंदिर का विरोध करते हैं और इसलिए हम काले कपड़े पहनकर पहुंचे हुए हैं। कांग्रेस ने छिपे तौर पर राम मंदिर का विरोध किया है। कांग्रेस नेताओं ने जानबूझकर काले कपड़े पहने।
गृह मंत्री ने कहा कि आज तो कोई ईडी से पूछताछ नहीं हुई, तो काले कपड़ों में कांग्रेस ने क्यों विरोध किया। कांग्रेस को जिम्मेदार दल के नाते कानून का सहयोग करना चाहिए। 5 अगस्त को जिस राम मंदिर का शिलान्यास हुआ है, उसी दिन पिछले 2 साल से कांग्रेस प्रोटेस्ट कर रही है। काले कपड़े पहनकर प्रोटेस्ट करने का क्या मतलब है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को जिम्मेदार होना चाहिए और कानून के अनुसार सहयोग करना चाहिए। शिकायत के आधार पर मामला चल रहा है। जहां तक ईडी का सवाल है, देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति का सभी को सम्मान करना चाहिए।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही के दिन 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। जिसके बाद राममंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया। पर आज के ही दिन कांग्रेस की ओर से जबरदस्त तरीके से कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। कांग्रेस के सभी नेताओं ने काले कपड़े पहन रखे थे। संसद से सड़क तक कांग्रेस का सरकार के खिलाफ हल्ला बोल जारी था। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में भी लिया गया था। हालांकि बाद में इन वरिष्ठ नेताओं को छोड़ दिया गया है। इससे पहले कांग्रेस ने जब राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ईडी ने पूछताछ की थी। उस समय भी राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया था।