नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन मेक-इन-इंडिया के मिशन को पूरा करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तेजी से कदम बढ़ा रहा है। डीआरडीओ के साइंटिस्ट और इंडियन आर्मी ने मिलकर क्विक रिएक्शन मिसाइल प्रणाली (QRSAM ) का छठा सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल के आने के बाद भारतीय सेना पहले की तुलना और पॉवरफुल होगी। साथ ही दुश्मनों को पल भर में ये घातक मिसाइल खाक कर देगी। इसका टेस्ट गुरूवार को ओडिशा के चांदीपुर में किया गया।
मिसाइल का परीक्षण चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज आईटीआर में स्थित प्रक्षेपण परिसर से इसका सफल परीक्षण किया गया। डीआरडीओ के मुताबिक, भारतीय सेना के द्धारा मूल्यांकन परीक्षणों के हिस्से में मिसाइल का परीक्षण किया गया है। इस अत्याधुनिक मिसाइल में लगी सभी प्रौद्योगिकियों और उप प्रणालियों ने अच्छा प्रदर्शन किया और मिशन की सभी जरूरतों को पूरा किया। डीआरडीओ की तरफ से बताया गया है कि, स्वदेशी निर्मित कम दूरी की QRSAM मिसाइल में एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता है। मिसाइल में 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तक प्रहार करने की क्षमता है।
डीआरडीओ के मुताबिक इसे त्वरित प्रतिक्रिया वाली मिसाइल के रूप में तैयार किया गया है। इसमें हर मौसम में काम करने वाली प्रणाली है। इस मिसाइल में लक्ष्य को पहचानने और उस पर निशाना साधने की क्षमता होती है। मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान में इसको लेकर टीवी चैनलों में जमकर बहस हो रही है। पत्रकार और रक्षा से जुड़े जानकार मिसाइल को लेकर पाकिस्तान सरकार को कोसने के साथ भारत की जय-जय कार कर रहे हैं। पाकिस्तान के पत्रकारों का कहना है कि, भारत तेजी से अपनी रक्षा प्रणाली को आगे बढ़ा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान को भी सतर्क रहते हुए मिसाइलों का परीक्षण करना चाहिए।
इस मौके पर डीआरडीओ से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों का दल भी मौजूद रहा। इस मिसाइल का 6 बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान रडार और इलेक्ट्रो, ऑप्टिकल प्रणाली, टेलिमेट्रो प्रणालियों की जांच की गई। सभी सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे थे। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय सेना को मिसाइल के सफल परीक्षण पर बधाई दी है। वही डीआरडीओ के चेयरमैन ने भी डीआरडीओ और रक्षा विभाग को बधाई दी। इसके साथ ही सोशल मीडिया में मिसाइल के परीक्षण के बाद यूजर्स डीआरडीओ की पीठ थपथपा रहे हैं।