नई दिल्ली। देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती, भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद है। एक तरफ वो लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके पास चोरी किया माल रखने की जगह नहीं है। ये स्थिति अच्छी नहीं है। जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। हम भ्रष्टाचार-परिवारवाद के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं। जिसके नतीजे जल्द देश के सामने होंगे। ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने संबोधन में कही।
इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। उन्होंने आगे कहा कि, जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं।
अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे देशवासियों ने भी उपलब्धियां की हैं, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है और संकल्पों को ओझल नहीं होने दिया है। उन्होंने कहा कि, हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है आज का ये दिवस, ऐतिहासिक दिवस है। एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है।
जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है
दुनिया भारत को एक ऐसे गंतव्य के रूप में देखती है जहां आकांक्षाएं पूरी होती हैं। आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है। पछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए, गलत हाथों में जाने वाले 2 लाख करोड़ रुपये को बचाकर उन्हें देश की भलाई में लगाने में हम कामयाब हुए हैं।
जो नारी को नारायणी कहते हैं
पीएम मोदी कहा कि हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन का, दीप ऑसीम मिशन का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है।
पांच प्रण बताए, 2047 का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर आदिवासी समाज के महापुरूषों को भी याद किया। साथ ही जय-जवान, जय-किसान और जय-विज्ञान का नारा दिया। इसके अलावा उन्होंने अमृत काल के पंच प्रण के बारे में बताया। उन्होंनं कहा कि, पहला प्रण, विकसित भारत का लक्ष्य, दूसरा प्रण, गुलामी के हर अंश से मुक्ति, तीसरा प्रण, अपनी विरासत पर गर्व, चौथा प्रण, एकता और एकजुटता और पांचवा प्रण, नागरिकों में कर्तव्य की भावना को जगाना। उन्होंने कहा कि, भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। इसके लिए सभी को मिल जुलकर काम करना होगा।