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25 कमांडो ने पीएम मोदी-डोभाल के ‘ऑपरेशन बदलापुर’ को किया था सक्सेसफुल, 28-29 सितंबर की दरमियानी रात वाली वह कहानी, जिसे याद कर आज भी रोते हैं पाकिस्तानी

नई दिल्ली। 18 सितंबर 2016 को जम्मू के उरी में इंडियन आर्मी की 12वीं ब्रिगेड के प्रशासनिक स्टेशन पर जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में भारत के 18 जवान शहीद हो गए थे। जिसके चलते सेना हर हालात में बदला लेना चाहती है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन रक्षामंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजित डोभाल से बात की। रक्षामंत्री और डोभाल ने आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग और डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह से पाकिस्तान के अंदर घुसकर बदलापुर का प्लान तैयार किया। महज 11 दिन के अंदर 25 कमांडो एलओसी के उस पार गए और आतंकियों को रात में ही मौत के घाट उतार दिया। 25 कमांडो को कवर देने के लिए 150 जवानों को भी बैकप के तौर पर भेजा गया था। इस ऑपरेशन की जानकारी गिने-चुने लोगों को ही दी गई थी।

आतंकवादियों ने उरी में किया था आतंकी हमला
जैश-ए-मोहम्मद के फिदाइन दस्ते के चार आतंकियों ने 18 सितंबर 2016 को उरी स्थित इंडियन आर्मी की 12वीं ब्रिगेड के प्रशासनिक स्टेशन पर चुपके से हमला किया. किया था। इस आतंकी हमने में भारतीय सेना के 19 जाबांज शहीद हो गए थे। तत्काल वहां मौजूद स्पेशल फोर्सेस और अन्य जवानों ने आतंकियों को घेरा। एनकाउंटर में आतंकी मारे गए। उनके पास से मिले हथियारों और जीपीएस सेट से पता चला कि ये पाकिस्तान से संबंध रखते हैं। इसके बाद खुफिया जानकारी पर हमले के बाद दो स्थानीय गाइड्स पकड़े गए। जिन्होंने बताया कि इस हमले में आतंकियों की मदद और घुसपैठ पाकिस्तानी सेना ने की है.। पूरा देश इस हमले से स्तब्ध था.। जवानों के शहादत का. 21 दिसंबर 2016 को तत्कालीन विदेश सचिव एस. जयशंकर पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को समन किया। उन्हें बुलाकर उरी हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत दिए। लेकिन पाकिस्तान की सरकार और सेना ने इन सबूतों को मानने से इंकार कर दिया।

तत्काल इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई
इससे भारत सरकार खफा हो गई। तत्काल इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई। उस समय के आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग और डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनएसए अजित डोभाल को पाकिस्तान को करारा जवाब देने के सभी विकल्प बताए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का आदेश दिया। पूरे ऑपरेशन की बागडोर एनएसए डोभाल के हाथों में थी। सरकार का संकेत पाते ही उरी हमले के लिए पाकिस्तान से बदले की बाट जोह रहे भारतीय सेना एक्टिव हो गई। उरी हमले के बाद 11 दिनों में ही जवानों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों का सफाया कर दिया। साल 2016 के 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर मौजूद सभी आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।

आतंकी लान्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक किया
इस बात की जानकारी तत्कालीन डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने दी। 29 सितंबर को उन्होंने इस बात का सार्वजनिक तौर पर एलान किया कि भारत ने नियंत्रण रेखा पर बने आतंकी लान्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक किया, जिसमें सभी आतंकियों व उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में सफलता मिली। सर्जिकल स्ट्राइक के मिशन में 25 कमांडो शामिल थे। उन्हें अतिरिक्त सहायता देने के लिए नियंत्रण रेखा पर 150 कमांडो मौजूद थे। मिशन पर जवानों को भेजने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, दिवंगत रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग, डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और उत्तरी कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा की दिल की धड़कनें तेज थीं, सभी हर पल के अपडेट का मानिटरिंग कर रहे थे।

36 आतंकी 2 पाकिस्तानी आर्मी के जवान मारे गए
जवाबी कार्रवाई की बात सुनकर पाकिस्तान डरा हुआ था। उसने. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने सैन्य क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ राडार सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया था। जम्मू-कश्मीर और पंजाब के आसमानी इलाकों पर नजर रखने के लिए उसने स्वीडन से खरीदे गए एडब्लयूसीए यानी एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात किया था। पर पाकिस्तान यह नहीं जान पाया कि हमला आसमान से नहीं जमीन से होने वाला था। भारतीय सेना के जवान पूरी तैयारी के साथ आधी रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 3 किलोमीटर अंदर तक गए। स्मोक ग्रैनेड फेंककर भारतीय कमांडो ने नाइट विजन कैमरों की मदद से एक-एक आंतकी को मौत की नींद सुला दिया। सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकियों को मारा गया। इस मिशन में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए थे।

—तो हम इसका जवाब देंगे
पाकिस्तान को भारत की इस प्रतिक्रिया की जरा भी उम्मीद नहीं थी। सर्जिकल स्ट्राइक से दंग पाकिस्तान ने 30 सितंबर 2016 को भारत के इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि नियंत्रण रेखा पर मौजूद आतंकियों व उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था, ’भारतीय सेना ने बीती रात एलओसी पर छिटपुट फायरिंग की। यदि भारत ऐसा दोबारा करने की कोशिश करता है तो हम इसका जवाब देंगे। वह बस अपनी मीडिया और देश की जनता को खुश करने के लिए ये सब कर रहा है। हालंकि पाकिस्तान के एसेंबली में विपक्ष के नेताओं ने भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइ के बारे में अपने सांसद को जानकारी दी थी।

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