नई दिल्ली। एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने बड़े अंतर से जीत दर्ज करते हुए विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को करारी शिकस्त दी है। शनिवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ। इस दौरान 725 वोट डाले गए, जिनमें से 528 वोट एनडीए उम्मीदवार को मिले। वहीं विपक्ष की प्रत्याशी मार्गरेट अल्वा को 182 मत मिले, जबकि 15 वोट अमान्य पाए गए। आंकड़ों के लिहाज से राष्ट्रपति चुनाव की तरह ये चुनाव भी एकतरफा नजर आ रहा था। 41 वर्षीय धनखड़ की जीत शुरू से ही सुनिश्चित लग रही थी। वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और राजस्थान में जाट बिरादरी को आरक्षण दिलवाने में अहम रोल अदा किया था।
राजस्थान के मूल निवासी हैं धनकड़
बीजेपी संसदीय बोर्ड ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल राजस्थान मूल के जगदीप धनखड़ को उप-राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाया था। जगदीप धनखड़ को 2019 में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया था। जगदीप धनखड़ राजस्थान के शेखावाटी अंचल के झुंझुनूं जिले के एक सुदूर गांव किठाना के रहने वाले हैं। किसान परिवार में जन्मे धनखड़ की स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुई। भौतिकी में स्नातक करने के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विश्वविद्यालय से विधि स्नातक किया और वकालत करने लगे।
अग्रणी वकीलों में शुमार
जगदीप धनखड़ राजस्थान के ही नहीं, वरन देश के अग्रणी वकीलों में शुमार रहे हैं। बार कौंसिल आफ राजस्थान के विभिन्न पदों पर रहने वाले धनखड़ ने साल 1989 में राजनीति में प्रवेश किया। पहली बार झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी से सांसद निर्वाचित हुए। 1990 में वह देश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री बने। इसके बाद अजमेर जिले की किशनगढ़ से वह विधायक निर्वाचित हुए। जाट समाज से आने वाले धनखड़ के दो और भाई हैं, जिनमें से एक कांग्रेस के नेता हैं, जबकि दूसरे बिजनेस मैन। नव निर्वाचित उपराष्ट्रपति के बेटे का निधन हो गया था। उनकी एक पुत्री है, जो धनकड़ के साथ रहती है।
ममता बनर्जी से हमेशा ठनी रहती
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहते हुए जगदीप धनखड़ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कभी नहीं बनी। उन्होंने कहा था कि ’बंगाल में कानून का नहीं, शासक का राज है, जो किसी भी तरह से प्रजातांत्रिक मापदंडों से मेल नहीं खाता है। राज्यपाल के रूप में धनखड़ ने ममता बनर्जी के कई फैसलों को पलट दिया। कुछ दिनों पहले बीजेपी के खिलाफ जेहाद वाले बयान को लेकर धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच जमकर वाद विवाद हुआ था।
जगदीप धनखड़ को चुनाव जीतने पर बधाई दी
विपक्ष की उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने एनडीए के जगदीप धनखड़ को चुनाव जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करके बिना नाम लिए टीएमसी पर निशाना भी साधा। उन्होंने ट्वीट किया, टदुर्भाग्य से, कुछ विपक्षी दलों ने एकजुट विपक्ष के विचार को पटरी से उतारने की कोशिश में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थन करना चुना…इस तरह उन्होंने अपनी खुद की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने आगे कहा कि ’यह चुनाव खत्म हो गया है। हमारे संविधान की रक्षा, हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने और संसद की गरिमा को बहाल करने की लड़ाई जारी रहेगी।
अमित शाह ने दी जीत की बधाई
गृह मंत्री अमित शाह ने भी जगदीप धनखड़ को जीत की बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ’किसान पुत्र जगदीप धनखड़ जी का भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होना पूरे देश के लिए हर्ष का विषय है। धनखड़ जी अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में निरंतर जनता से जुड़े रहे हैं। जमीनी मुद्दों की बारीकी समझ व उनके अनुभव का उच्च सदन को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।’ उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि,’ मुझे विश्वास है कि उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति के रूप में जगदीप धनखड़ जी संविधान के एक आदर्श संरक्षक सिद्ध होंगे। उन्हें इस जीत पर बधाई देता हूं। साथ ही मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सहयोगियों, अन्य दलों व संसद सदस्यों का धनखड़ जी का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त करता हूं।