वाराणसी। लंबी दाढ़ी, सिर पर साफा और सफेद कपड़े सुभाष की पहचान हैं। इस बाहुबली को लोग बाबा के नाम से भी पुकारते हैं और अपराध्सी की तूती यूपी से लेकर मुम्बई तक बोलती है। फतेहगढ जेल में सजा काट रहा बाबा फिर सुर्खियों में आया है। मुंबई के विरार थाने के भाइंदर वसई क्षेत्र में बीते 26 फरवरी को बिल्डर समरजीत उर्फ समय चौहान की हत्या कर दी गई थी। पुलिस और क्राइम ब्रांच की जांच में सुभाष ठाकुर का नाम सामने पर इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सनसनीखेज हत्याकांड में सुभाष ठाकुर की संलप्तिता सामने आने के बाद मुम्बई पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेगी।
क्या है पूरा मामला
मुम्बई के विरार थानाक्षेत्र स्थित बिल्डर समरजीत उर्फ समय चौहान की हत्या कर दी गई थी। मर्डर केस की जांच पुलिस के साथ मुम्बई क्राइम ब्रांच कर रही है। बिल्डर की दिनदहाड़े हत्या के बाद सीसीटीवी फुटेज में सिंधोरा के बरांव गांव निवासी राहुल शर्मा, कपसेठी के लोहारडीह निवासी अभिषेक सिंह उर्फ अंकुर व लंका के नरोत्तमपुर के कुख्यात मनीष सिंह सोनू व एक और बदमाश की तस्वीर सामने आई थी। हत्या के बाद मनीष समेत चारों बदमाश मुंबई छोड़ वाराणसी आ गये थे। मुम्बई क्राइम ब्रांच ने बदमाशों की जानकारी यूपी एसटीएफ को दी थी।
सुभाष ठाकुर का नाम आया सामने
जानकारी मिलते ही वाराणसी एसटीएफ हरकत में आई। एसटीएफ ने लोहता में 21 मार्च को मुठभेड़ में दो लाख के इनामी मनीष सिंह सोनू को ढेर किया। एसटीएफ ने ही 29 मार्च को चितईपुर स्थित कॉलोनी से अभिषेक व राहुल को दबोच लिया। इनकी गिरफ्तारी के बाद मीरा भाइंदर वसई विरार क्राइम ब्रान्च की टीम दोनों को साथ ले गई। इनसे पूछताछ पर सामने आया कि हत्याकांड में सुभाष ठाकुर की सीधे तौर पर संलप्तिता है। मुम्बई क्राइम ब्रांच ने सुभाष ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जल्द ही कोर्ट से रिमांड में लेकर आरोपी से पूछताछ कर सकती है।
पुलिस सुभाष की भूमिका की छानबीन कर रही
मीरा भाइंदर कमश्निरेट मुंबई डीसीपी जोन-3 प्रशांत डब्ल्यू. वाघ्ननाड़े ने बताया कि बिल्डर समरजीत चौहान उर्फ समय चौहान की हत्या में सुभाष ठाकुर का नाम आया है। पुलिस सुभाष की भूमिका की छानबीन कर रही है। रिमांड पर लाकर पूछताछ की जा सकती है। बता दें, मुंबई के जेजे शूटआउट कांड के बाद सुभाष ठाकुर का नाम जरायम जगत में चमका। 26 जुलाई 1992 को हुई दाऊद के बहनोई इस्माइल इब्राहीम पारकर की हत्या का बदला शूटरों ने 12 सितंबर 1992 को ले लिया। मुंबई के जेजे अस्पताल में हाई सिक्योरिटी में रखे गए अरुण गवली के शूटर शैलेश हल्दनकर को दाऊद के शूटरों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। शूटआउट में दो कांस्टेबल भी मारे गए थे। दाऊद ने सुभाष सिंह ठाकुर और बाबा ग्रैबियाल को शैलेश की हत्या का जिम्मा सौंपा था।
कौन हैं सुभाष ठाकुर
सुभाष ठाकुर बनारस का रहने वाला है। एक वक्त था, जब इसे पूर्वांचल का डॉन कहा जाता था। मुख्तार से लेकर अतीक बाबा से थर-थर कांपते थे। नए काम की तलाश में जब सुभाष ठाकुर उर्फ बाबा ने पहली बार मायानगरी मुम्बई में कदम रखा, तभी वो जुर्म की दुनिया के करीब पहुंचा। वहां रहते हुए ही बाबा ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो एक बाद एक ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहा था। जुर्म की काली दुनिया में उसका नाम तेजी से मशहूर हो रहा था। उसके नाम की दहशत भी मुंबई में नजर आने लगी थी। बाबा का नाम मुंबई अंडरवर्ल्ड छाने लगा था। वो वहां के बिल्डरों और बड़े कारोबारियों पर शिकंजा कसता जा रहा था। एक वक्त था जब उसका कारोबार यूपी से लेकर मुम्बई तक फैला हुआ था।
अपराध दुनिया में एंट्री
जिस दौर में सुभाष ठाकुर का नाम जरायम की दुनिया में चमक रहा था, तभी मुम्बई पुलिस के एक कांस्टेबल का बेटा दाऊद इब्राहिम कासकर अपराध दुनिया में एंट्री करता है। मगर इस काली दुनिया में दाऊद को भी किसी गुरु की ज़रूरत थी। इसी वजह से वो सुभाष ठाकुर के दरबार में पहुंचा। बाबा ने उसे अपना शिष्य बना लिया। फिर उसे जरायम की दुनिया के पाठ पढ़ाए। वहीं से दाऊद ने जुर्म करने के तरीके सीखे। वहीं से वो पहले एक कुख्यात गैंगस्टर बना और फिर मुंबई का सबसे बड़ा माफिया डॉन बन गया था।
दाऊद इब्राहिम का गुरू सुभाष ठाकुर
सबको मालूम था कि दुनिया के कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गुरू सुभाष ठाकुर उर्फ बाबा है। दाऊद भी बाबा को बहुत मानता था। लेकिन कुछ सालों बाद ही दोनों का रिश्ता टूट गया। जिसकी वजह थे मुम्बई में 1992 के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट। उसी वक्त सुभाष ठाकुर और दाऊद इब्राहिम हमेशा के लिए अलग हो गए थे। दाऊद से अलग हो जाने के बाद सुभाष ठाकुर ने माफिया सरगना छोटा राजन के साथ हाथ मिला लिया था। ठाकुर ने गिरफ्तारी के बाद अपनी जान को खतरा बताते हुए साल 2017 में बनारस कोर्ट में एक याचिका दायर कर बुलेटप्रूफ जैकेट और सुरक्षा की मांग की थी।