दुमका। जनपद के एक सरकारी स्कूल के छात्रों ने सनसनीखेज वारदात को अंजाम दे डाला। कक्षा 9वीं के स्टूडेंट्स ने प्रैक्टिकम एग्जाम में कम नंबर देने पर स्कूल के टीचर, क्लर्क और सफाईकर्मी को पहले बंधक बना दिया। इसके बाद तीनों को आम के पेड़ पर बांघकर बेरहमी से पिटाई की। इतना ही नहीं छात्रों ने मारपीट की घटना का फेजबुक के जरिए लाइव प्रसारण भी किया।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने 26 अगस्त को 9वीं क्लास का रिजल्ट जारी किया था, जिसमें अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय गोपीकांदर के 11 छात्र फेल हो गए। फेल हुए 11 छात्र सोमवार को स्कूल पहुंचे। उन्होंने स्कूल के टीचर सुमन कुमार और क्लर्क सोनेराम चौड़े से प्रैक्टिकल में दिए गए नंबर की पूछताछ करने लगे। इस दौरान छात्रों ने पेपर दिखाए जाने को कहा। टीचर और क्लर्क ले पेपर दिखाने से इनकार कर दिया।
टीचर और क्लर्क के बर्ताव से छात्र आगबबूला हो गए। छात्रों ने दोनों को पकड़ लिया। तभी स्कूल के चपरासी अचन्तु मल्लिक दोनों को बचाने के लिए पहुंचे। छात्रों ने टीचर, क्लर्क और चपरासी को पेड़ पर बांधकर पिटाई की। इस मौके पर अन्य छात्र भी मौजूद थे, लेकिन कोई भी टीचर, क्लर्क और चपरासी को बचाने के लिए आगे नहीं आया। कुछ देर के बाद स्कूल के अन्य टीचर मौके पर पहुंचे और बंधक टीचर, क्लर्क और चपरासी को छात्रों के चंगुल से मुक्त कराया।
छात्रों का आरोप है कि टीचर ने जानबूझकर उन्हें कम नंबर दिए, जिसकी वजह से वे फेल हो गए। छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, पैसे नहीं देने पर टीचर ने हमारे प्रैक्टिकल में नंबर कम दिलाए, जिससे हमसभी फेल हो गए। इसी के कारण हमने दोनों को पेड़ से बांधा। छात्रों ने इस पूरी घटना का फेसबुक लाइव भी किया है। इस दौरान छात्र कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि, टीचर ने हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसे में इसे ऐसी ही सजा देनी चाहिए।
इस बारे में दुमका के उप विकास आयुक्त ने कहा कि इसकी जांच जिला कल्याण पदाधिकारी और गोपीकांदर के बीडीओ करेंगे। स्टूडेंट्स के आरोप की भी जांच की जाएगी। डीडीसी ने कहा कि कारण कुछ भी हो लेकिन शिक्षक और अन्य लोगों की पिटाई करने का मामला गंभीर है। उन्होंने कहा कि इसमें दोषी छात्रों को चिन्हित किया जा रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।