उदयपुर। कन्हैयालाल की हत्या के बाद एनआईए को अहम जानकारी मिली है। जांच में पता चला है कि हत्या के पीछे पाकिस्तानी संगठन दावत-ए इस्लामी का हाथ था। एजेंसी को कट्टरपंथ के जरिए ब्रेनवाश कर हत्या की साजिश रचने के सबूत मिल रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान से बैठकर वहां के आतंकवादियों ने 40 लोगों की एक टीम भी तैयार की थी, ताकि नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले लोगों का सिर कलम किया जा सके। इन्हें 300 लोगों का सिर धड़ अगल करने का टारगेट दिया गया था।
टेलर का गला रेतकर की थी हत्या
28 जून को उदयपुर में आरोपी रियाज और गौस ने टेलर कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी। कन्हैया का हत्या करने के बाद फरार हुए आरोपियों ने पहले वीडियो बनाकर वायरल किया और फिर अजमेर की ओर भागे। उन्हें रास्ते में राजसमंद में गिरफ्तार किया गया। एनआईए की टीम उनसे जयपुर में पूछताछ कर रही है। हत्याकांड में शामिल कुछ और लोगों को दबोचा गया है और पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। एनआईए की जांच में सामने आया है कि, पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी अजमेर में आपत्तिजनक धार्मिक किताबों की बिक्री भी करवा रहा था। वहीं, व्हाट्सऐप के जरिये लोगों को तालिबानी तरीके से सिर कलम करने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
इस तरह से हुआ खुलासा
एनआईए और एटीएस ने यह खुलासा आतंकी रियाज और गौस की मोबाइल से मिले पाकिस्तान के 10 लोगों के नंबरों की जांच के बाद किया है। एनआईए की प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई है कि पाकिस्तान के संगठन दावत-ए-इस्लामी ने राजस्थान के छह जिलों में नूपुर शर्मा के समर्थकों को सबक सिखाने का मिशन तय किया था। इन हत्याओं के जरिए पूरे देश में खौफ पैदा करने की साजिश थी। सूत्रों की मानें तो एनआईए की जांच में सामने आया है कि, 40 कसाईयों के टारगेट में 300 लोग थे, जिनका सिर कमल करने का इन्हें काम सौंपा गया था।