कानपुर। रावतपुर स्थित कृष्णापुरी मोहल्ले में इनकम टैक्स के अफसर का शव पिछले 17 माह तक घर पर रखा रहा। विस्तर पर लेटी लाश की देखभाल मृतक विमलेश की पत्नी मिताली के साथ उनके माता-पिता करते रहे। हालांकि जब इसकी भनक पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को हुई तो आनन-फानन में शव का दाह संस्कार करा दिया। इसबीच विमलेश की पत्नी मीडिया से बात नहीं की। पूरा परिवार गुमशुम हालात में हैं। पर मिताली और विमलेश की प्रेम कहानी को लेकर सामने आई है, जो बड़ी दिलचस्प है। मिताली को विमलेश ट्यूशन पढ़ाने जाते थे। इसी बीच दोनों के बीच दोस्ती हि गई और बाद में प्यार में बदल गई। मिताली के परिवारवाले शादी के खिलाफ थे। बावजूद मिताली ने विमलेश से शादी कर अपनी नई जिंदगी की शुरूआत की।
क्या है पूरा मामला
रावतपुर के कृष्णपुरी में हैदराबाद में तैनात रहे आयकर अफसर 35 वर्षीय विमलेश गौतम अपनी पत्नी, माता-पिता और भाईयों के साथ रहते थे। उनकी पोस्टिंग हैदराबाद में होने के चलते वह कभी-कभार ही कानपुर आते थे। कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में विमलेश आ गए। परिवारवालों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। इलाज के दौरान विमलेश की मौत हो गई। डॉक्टर्स ने विमलेश का मृत सार्टिफिकेट भी जारी कर दिया। लेकिन विमलेश की पत्नी व परिवारवाले उन्हें जिंदा मानकर घर पर ले आए। डेढ़ साल तक कमरे में विस्तर पर उनकी लाश रखी रही। हरदिन शव की साफ सफाई परिवारवाले किया करते थे।
इनकम टैक्स के अफसर आए तो खुला राज
विमलेश के डेढ़ साल से हैदराबाद ऑफिस नहीं आने पर इनकम टैक्स के अफसर उनके घर कानपुर आए। यहां आकर उन्हें विमलेश का शव विस्तर पर लेटा मिला। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि, विमलेश का शव जकड़ चुका था। मांस हड्डियां में चपक गया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर दाह संस्कार करवाया। स्वास्थ्य विभाग के अलावा पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।
मिताली और विमलेश में प्यार हो गया
विमलेश के भाई ने बताया कि, डेढ़ साल के दौरान उन पर करीब 35 लाख रूपए खर्च हुए हैं। विमलेश की पत्नी मिताली जो बैंक में नौकरी करती हैं, दिनरात जग कर उनकी सेवा की। विमलेश के भाई दिनेश बताते हैं कि मिताली दीक्षित किदवई नगर की कोआपरेटिव बैंक में डिप्टी मैनेजर हैं। मिताली के परिवार में केवल उनकी मां हैं। आयकर विभाग में नौकरी लगने से पहले विमलेश ट्यूशन पढ़ाने के लिए मिताली के घर जाते थे। ट्यूशन पढ़ाने के दौरान ही मिताली और विमलेश में प्यार हो गया और दोनों ने घरवालों को बिना बताए प्रेम विवाह कर लिया। जब घर वालों को पता चला तो विरोध किया लेकिन बाद में दोनों के घरवाले मान गए।
परिवार से बगावत पर उतर आए थे
विमलेश और मिताली में बेइंतहा प्यार रहा और शादी के लिए परिवार से बगावत पर उतर आए थे। विमलेश ने जब मिताली से शादी के लिए घर में बात की तो मां रामदुलारी और पिता रामऔतार मानने को तैयार नहीं हुए। उधर, मिताली की मां भी तैयार नहीं थी। प्यार में साथ जीने मरने की कसमें खा चुके विमलेश और मितली शादी करके साथ जीवन बिताना चाहते थे। उनकी शादी में दोनों तरफ से परिवार का कोई भी सदस्य नहीं आया था। मिताली के चाचा ने शादी में रस्मों की अदायगी की थी।
दोनों के एक बेटा और एक बेटी
कई साल के बाद मिताली और विमलेश को दोनों परिवारों ने अपनाया था। विमलेश और मिताली के बीच कभी किसी ने झगड़ा होते नहीं देखा, उनके दो बच्चों में पांच साल का बेटा और डेढ़ साल की बेटी है। पति की मौत के बाद मिताली पूरी तरह से टूट चुकी हैं और वह किसी से बात नहीं करतीं। मिताली ने फिलहाल मीडिया से दूरी बनाई हुई है। हालांकि वह बैंक के साथियों से जरूर बात कर लेती हैं।