कानपुर। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अवैध अतिक्रमण की गई सरकारी जमीन को मुक्त कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे, लेकिन सीएम के फरमान का असर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम पर नहीं दिख रहा है। निगम के बस स्टैंड, डिपो कार्यशालाओं, कार्यालय परिसरों के आसपास की जमीनों पर विभाग के अफसरों की मेहरबानी से लोग दुकान, गैराज और मकान बनाकर आराम से रह रहे हैं। जिसके चलते बस को स्टैंड से बाहर निकालनें में ड्राइवरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, तो वहीं आमलोग हरदिन जाम से परेशान होते हैं।
प्रबंध निदेशक ने जारी किया था आदेश
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक आरपी सिंह ने 19 मई को विभाग के आलाधिकारियों के नाम एक पत्र जारी किया था। जिसमें कहा गया है कि, विभाग के सभी बस स्टैंड, डिपो कार्यशालाओं के साथ ही कार्यालय परिसर के आसपास की जमीनों को अवैध कब्जाधारकों से मुक्त कराया जाए। आदेश को जारी हुए आठ दिन बीत गए, पर महकमें के अफसर नहीं जागे। निगम की जमीन पर बेखौफ होकर कब्जाधारक अपनी-अपनी दुकानें चला रहे हैं।
डिपो के बाहर टी से लेकर गैराज
आजाद नगर डिपो के बाहर पहले की तरह से करीब आधा दर्जन से ज्यादा दुकान, टी के स्टॉल और गैराज चल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि डिपो के अफसरों की मेहरबानी के चलते इनलोगों ने विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा किए हुए हैं। स्थानीय निवासी राजीव सिंह ने बताया कि, जब डिपो से बस बाहर निकलती हैं तो सड़क पर लम्बा जाम लग जाता है। चालक कड़ी मशक्कत के बाद बसों को बाहर निकाल पाते हैं।
पैसे दो और दुकान चलाओ
स्थानीय लोगों का आरोप है कि डिपो के अफसरों को दुकानदार हर माह पैसा देते हैं। जिसके चलते इन्हें यहां से नहीं हटाया जाता। आजाद नगर डिपो के बाहर हसन नाम के व्यक्ति ने चार पहिया वाहन ठीक करने के साथ ही गैराज खोला हुआ है। दुकान परिवहन विभाग की जमीन पर बनीं हुई है। इसी तरह से फास्ट फूड के अलावा अन्य दुकानें निगम की जमीन पर खड़ीं हैं।
रोडवेज कार्यशाला की जमीन पर कब्जा
रावतपुर स्थित रोडवेज कार्यशाला के अंदर और बाहर निगम की जमीन पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। यहां बकायदा, दुकानें चल रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि, कार्यशाला में जब भी बसें आती हैं, तब यहां जाम की स्थित बन जाती है। इसी तरह विकास नगर, चुन्नीगंज, फजलगंज में भी निगम की जमीनों पर अवैध कब्जे हैं। कब्जाधारक यहां दुकानें चला रहे हैं।