ललितपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला सुरक्षा को लेकर आएदिन पुलिस-प्रशासन को आदेश देते रहते हैं, लेकिन ‘खाकीधारी’ सरकार को बदनाम करने में तुले हैं। कुछ ऐसा ही एक मामला ललितपुर जनपद में सामने आया है। यहां नाबालिग गैंगरेप पीड़िता, आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पाली थाने पहुंची। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला। पीड़ित पक्ष ने घटना की जानकारी एसपी को दी। कप्तान के आदेश पर इंस्पेक्टर व मौसी समेत छह लोगों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
चार लोगों ने किया किया दुष्कर्म
जानकारी के मुताबिक, पाली थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने ललितपुर के एसपी से मिली। महिला ने एसपी को बताया कि, उसकी नाबालिग बेटी को चार लोग 22 अप्रैल को को बहला-फुसला कर भोपाल ले गये। उसे रेलवे स्टेशन के पास तीन दिन तक छिपाकर रखा और दुष्कर्म किया। नाबालिग की मां का आरोप है कि, दरिंदों ने उसकी बेटी को 26 अप्रैल को पाली में छोड़कर भाग गए।
पुलिस ने मौसी के घर भेजा
पीड़िता पाली थाने पहुंची और वारदात की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने लड़की को उसकी मौसी के पास पहुंचा दिया। मौसी ने उसे ककड़ारी गांव भेज दिया, जहां दुराचार करने वाले एक युवक की बहन रहती है। 27 अप्रैल की सुबह किशोरी को थाने बुलाकर बयान दर्ज किया गया। पुलिस ने पीड़िता को शाम को फिर थाने बुलाया।
मौंसी ने किशोरी को इंस्पेक्टर के हवाले किया
आरोप है कि, शाम को मौंसी, पीड़िता को थाने लेकर पहुंची। उसे इंस्पेक्टर के कमरे के अंदर कर दिया। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। रेप के बाद पुलिस ने उसे फिर मौसी को सौंप दिया गया। बरामदगी या बयान की सूचना माता-पिता को नहीं दी गई। 30 अप्रैल को उसकी बेटी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया।
पीड़िता ने बयां की दर्दभरी दास्तां
पीड़िता ने काउंसलिंग के दौरान सारी घटना बताई। महिला की शिकायत पर एसपी ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। चन्दन, राजभान, हरिशंकर, महेन्द्र चौरसिया, प्रभारी निरीक्षक पाली तिलकधारी सरोज व मौसी गुलाबबाई के खिलाफ अपहरण, गैगरेप, साजिश आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं।