कानपुर। जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कई इलाकों में हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने पत्थरबाजी के साथ फायरिंग व बमबाजी कर सनसनी मचा दी। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दंगाईयों को खदेड़ते हुए 40 नामजद समेत 1000अज्ञात पर मुकदमा दर्ज करते हुए मास्टरमाइंड समेत 29 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। अब सरकार ने घटना के साजिशकर्ताओं के चेहरे बेनकाब करने के लिए एनकाउंटर स्पेशललिस्ट आईपीएस अजयपाल शर्मा के अलावा आईपीएस अविनाश पांडेय और तेज तर्रार पुलिस अफसर चारू निगम को लगाया है।
क्या है पूरा मामला
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने बताया कि कानपुर के परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाके में हिंसा हुई थी। उपद्रवियों ने वाहनों में तोडफोड़ की। फायरिंग के साथ पुलिस के अलावा दूसरे समुदाय के लोगों पर पेट्रोल बम से हमला किया। वारदात में दरोगा समेत आठ से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद पुलिस ने 40 नामजद समेत 1000 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने रविवार की शाम तक मुख्य आरोपी समेत 29 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है।
दूसरे दिन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पहुंचे कानपुर
हिंसा के दूसरे दिन योगी सरकार ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस अजय पाल शर्मा को कानपुर भेज दिया था। तेज-तर्राक आईपीएस ने उसी दिन पुलिसबल के साथ दंगाग्रस्त इलाकों का दौरा किया। सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान की। रात को उपद्रवियों को ठिकानों में पुलिसबल के साथ दबिश दी। एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही एटीएस के एडीजी के साथ बैठक कर दंगाईयों का पीएफआई कनेक्शन की पड़ताल की।
कौन हैं आईपीएस शर्मा
2011 बैच के आईपीएस अजय पाल शर्मा पंजाब के रहने वाले हैं। उनकी पहली पोस्टिंग सहारनपुर थी। इसके बाद मथुरा गए। फिर शामली। अजय पाल शर्मा ने हर जिले में एनकाउंटर किए। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें नोएडा में पोस्टिंग दी गई। अजय पाल शर्मा ने जून, 2019 में रामपुर में एक 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी नाजिल को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था। एनकाउंटर में नाजिल को तीन गोलियां लगी थीं। इसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई। लोग उन्हें ‘सिंघम’ कहने लगे। अजय ने 100 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं।
पश्चिमी यूपी के क्राइम की नब्ज पर पकड़
अजय पाल की ज्यादातर पोस्टिंग पश्चिमी यूपी में रही। इसलिए इस रीजन के क्राइम की हर नब्ज को बारीकी से समझते हैं। उनकी अगुवाई में 60 हजार के इनामी बदमाश नौशाद उर्फ डैनी और 12 हजार के इनामी सरवर को पुलिस ने ढेर किया था। कैराना में पलायन के लिए जिम्मेदार मुकीम काला गैंग के 50 हजार के इनामी अपराधी फुरकान को उन्होंने ही गिरफ्तार कर जेल भेजा था। यही वजह है कि उप्रदवियों से निपटने के लिए उन्हें कानपुर भेजा गया है।
चंबल के लैंडमाइन माफियाओं को धूल चटाई
अजय पाल शर्मा के सहयोग के लिए 2014 बैच की आईपीएस चारू निगम को भेजा गया है। वह आगरा की रहने वाली हैं। उनकी पहली पोस्टिंग बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक झांसी में हुई थी। 4 महीने की तैनाती में उन्होंने चंबल के लैंडमाइन माफिया से सीधा पंगा लिया और उनका अवैध कारोबार बंद करवा दिया था। 2016 में चारू की पोस्टिंग गोरखपुर में हुई। वहां मेडिकल कॉलेज से चोरी हुए बच्चे को बरामद करके आरोपी महिला को गिरफ्तार किया। उन्होंने लंबित विवेचनाओं की फेहरिस्त से 118 ऐसे केस निकाले, जो गलत दर्ज किए गए थे। चारू ने इन्हें खत्म करवाया।
बूचड़खाने बंद करवाए, गो तस्करों को खदेड़ा
2015 बैच के आईपीएस अविनाश पांडेय का गृह जनपद खीरी है। इनकम टैक्स और डाक विभाग में सेवा देने के बाद वह आईपीएस बने। उनकी बरेली, कानपुर और मैनपुरी में फील्ड पोस्टिंग रही है। मौजूदा समय में वह मुरादाबाद में पीएसी के कमांडेंट हैं। इससे पहले उन्नाव के एसपी थे। उन्नाव का चार्ज संभालते ही उन्होंने गोकशी रोकने के लिए छोटे-बड़े सभी बूचड़खानों पर ताला जड़वा दिया। इससे गो तस्कर जिला छोड़कर भाग गए। इनके लिए कहा जाता है कि कार्रवाई के दौरान कोई पैरवी नहीं सुनते।