लखनऊ। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है आरएसएस से जुडे एक स्कूटर मिस्त्री ने। जिन्होंने अपने परिवार का पेट पालने के लिए बाईक-स्कूटर रिपेयरिंग की दुकान खोली। संघ की शाखा में देशभक्ति का पाठ पढ़ा। समाजसेवा से जुडे रहने की वजह से बीजेपी ने सीतापुर जनपद से 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट दे दिया। महज 22 दिन के चुनाव प्रचार के दम पर स्कूटर मिस्त्री विधायक चुने गए और योगी सरकार 2.0 में इन्हें राज्यमंत्री बनाया गया।
राकेश राठौर का परिवार मूल रूप से मिश्रिख का है। सीतापुर में वह दुर्गापुरवा मुहल्ले में रहते हैं। वह कक्षा आठ पास हैं। राकेश राठौर का बचपन गरीबी में गुजरा। होश संभाला तो उन्होंने आरएमपी रोड पर स्कूटर मिस्त्री का काम शुरू कर दिया। उन्होंने बट्सगंज में भी दुकान चलाई। स्कूटर का प्रचलन थोड़ा थमा तो उन्होंने स्पेयर पार्ट्स का भी काम किया। अभी उनकी इनवर्टर की दुकान है। उनकी सादगी का हर कोई कायल है। राकेश राठौर ने सदर सीट से चार बार विधायक रहे राधेश्याम जायसवाल को हराया।
उनके जानने वाले बताते हैं कि, राकेश राठौर ने स्कूटर बनाने में इतने माहिर थे कि उन्हें ऑटोमोबाइल बाजार में लोग ‘गुरु’ के नाम से बुलाने लगे। राजीव सिंह बताते हैं कि, कड़ी मेहनत से कुछ पूंजी जमा करने के बाद इन्होंने अपने करोबार को बढ़ाया और पास में ही गुरु बैटरीज नाम से बैटरी का व्यवसाय शुरू किया। यह दुकान मौजूदा समय में भी है। राजीव बताते हैं कि राठौर के परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। बताते हैं, राकेश राठौर बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे।
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सीतापुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर राकेश राठौर विधायक चुने गए थे. लेकिन, कुछ दिन बाद ही उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। 2022 के चुनाव से ठीक पहले राकेश राठौर बीजेपी में शामिल हो गए। राकेश राठौर गुरु ने बीजेपी के टिकट पर सदर सीट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। योगी सरकार 2.0 में इन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है।