लखनऊ। कानपुर के नौबस्ता निवासी मोहम्मइ आसिफ और सरोजनी नगर निवासी राधा, रिश्ते में जीजा और साली हैं। दोनों ने मिलकर लखनऊ में कई लूट की वारदातों को अंजाम देकर खलबली मचा दी। बाइक आसिफ चलता और पीछे बैठी राधा लोगों के गहनों के साथ ही महिलाओं के गले से चेन लूटकर फरार हो जाया करते थे। एक वारदात की तस्वीर दोनों की सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। इसके बाद पुलिस ने शातिर लुटेरन जोड़ी को दबोच लिया।
निदेशक की पत्नी की लूटी थी चेन
आशियाना इलाके में आफिस और राधा ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। दोनों ने मिलकर सहकारी आवास संघ के निदेशक हीरेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी मिथिलेश की चेन लूटी थी। निदेशक की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे में दोनों की तस्वीर मिल गई। प्रभारी निरीक्षक पीजीआई बृजेश यादव के मुताबिक, साउथ सिटी रेलवे अंडरपास के पास से बाइक सवार महिला और उसके साथी को रोका गया। सीसीटीवी फुटेज की तस्वीर से दोनों के चेहरों का मिलान किया गया। जिसके बाद पता चला कि इन्हीं दोनों ने चेन की लूटी थी।
दोनों जीजा-साली
प्रभारी निरीक्षक पीजीआई के मुताबिक, बाइक चला रहे युवक की पहचान कानपुर नौबस्ता निवासी मो. आसिफ और युवती की पहचान सरोजनी नगर के चिल्लावां निवासी राधा के रूप में हुई। दोनों जीजा-साली हैं। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, मिथिलेश सिंह से हुई वारदात में बाइक का नंबर और फुटेज मिले थे। इसके आधार पर ही आरोपियों को दबोचा गया है। आसिफ ने कुबूला कि वह बाइक चलाता था और राधा चेन लूट करती थी। दोनों ने आठ वारदातों को अंजाम दिया है। लूटे गहनों को राह चलते लोगों को बेच देते थे। इसके लिए राहगीरों को मुसीबत में फंसे होने का झांसा देते थे।
6 साल से चल रहा था फरार
पुलिस के मुताबिक, आसिफ 2016 में पारा के बाल संरक्षण गृह से फरार होने के बाद से लूट की वारदात कर रहा था। पारा थाने में आसिफ के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके बाद से पारा पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह हाथ नहीं आया। आसिफ और राधा मिलकर सड़क चलते लोगों को अपना शिकार बनाते थे। लूट के माल को ये लोग राहगीरों को बेच दिया करते थे। इसी के चलते दोनों पुलिस के शिकंजे में कभी नहीं आए। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने कई वारदातों का खुलासा किया है।