सौरभ तिवारी, महोबा
रूस और यूक्रेन के शुरू हुए राजधानी कीव पर हमले ने वहां फंसे छात्रों और नागरिकों के परिजनों को चिंता में डाल दिया है। इसी कड़ी में महोबा जिले के कस्बा पनवाड़ी के दो छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। जिसमें एक छात्र अपने घर वापस आ गया है। उनके परिजनों ने राहत की सांस ली। वहीं एक छात्र अभी यूक्रेन में फंसा हुआ है। जिनके परिजन उनसे फोन पर लगातार बात कर रहे हैं।छात्र अंकुश महान की वतन वापसी से परिजनों ने राहत की सांस ली है तो वहीं ग्राम प्रधान संजय द्विवेदी के बेटे राज के यूक्रेन में फंसे होने से परिजनों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। ग्राम प्रधान ने पीएम मोदी से बेटे की सकुशल वतन वापसी की मांग की है।
पनवाड़ी कस्बे में रहने वाले ग्राम प्रधान संजय द्विवेदी का बेटा राज द्विवेदी और अजय विक्रम सिंह मंगल महान का बेटा अंकुश महान यूक्रेन की राजधानी कीव के बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। पनवाड़ी के यह दोनों छात्र करीब 4 बर्षों से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। मगर अचानक बीते कुछ समय से यूक्रेन और रूस के बीच तनाव के बाद युद्ध होने से दोनों के ऊपर बड़ा संकट आ गया था। ऐसे में एक छात्र अंकुश महान की आज वतन वापसी हो गई है तो वहीं ग्राम प्रधान संजय द्विवेदी का बेटा राज अभी भी यूक्रेन में फंसा हुआ है। बेटे की वतन वापसी को लेकर परिवारी जन पूजा अर्चना कर भगवान से बेटे की कुशलता की दुआ मांग रहे हैं। साथ ही इस युद्ध पर भी विराम लगाने की प्रार्थना कर रहे हैं। यही नहीं परिवारीजन युद्ध के बाद से ही फोन से यूके में फंसे बेटे रास्ते पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। साथ ही सुरक्षित स्थान पर बने रहने की सलाह दे रहे हैं। ग्राम प्रधान संजय द्विवेदी ने भारत सरकार से बेटे की सकुशल वापसी की मांग की है।
यूक्रेन से अपने वतन अपने गांव लौटा एमबीबीएस का छात्र अंकुश महान बताता है कि मौजूदा हालात बेहद खराब है। बंकरों के अंदर रहकर हम अपनी जान को बचा सके हैं। मेरे गांव का ही साथी राज भी यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसा हुआ है। इससे पहले भी साइबर अटैक हो चुके हैं वहां शासन ने पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी थी अब हमको अपनी भारत सरकार से यही उम्मीद है कि हमारे अन्य साथियों को भी वहां से सुरक्षित निकालने का प्रयास करें। मेरे घर आते ही परिवार में खुशी का माहौल है। जिस फ्लाइट से मैं आया हूं वहां की पहली और अंतिम फ्लाइट थी। अंकुश महान के माता पिता बेटे की वतन वापसी को लेकर बेहद खुश हैं।