आज लोग नींद से उठे तो सारा आसमान घनघोर बादलों से भरपूर था ऐसे लग रहा था कि दिन में ही रात हो गयी हो और फिर सुबह आठ बजे से शुरू हुई। मानसून की जोरदार वर्षा से जहां तेज और भीषण गर्मी से राहत मिलने से मौसम सुहावना बना है, और पारा गिरने से बच्चे बूढ़े सभी को राहत मिली है। वहीं धान के खेत भी पानी से लबालब भर गए हैं जिससे अब पानी की कमी किसानों को महसूस नहीं हो रही..
किसानों को मिली राहत
डीजल इंजनों से सिंचाई करने वाले किसानों को बहुत राहत मिली है। प्रेम सिंह ,चरनजीत के अनुसार एक घंटा इंजन चलने से 100 रु का डीजल लगता है। जोकि बहुत महंगा पड़ता है और यदि वर्षा न हो तो फसल की लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा इस सीजन में विगत दिनों से वर्षा न होने के चलते डीजल इंजन से सिंचाई करनी पड़ी है जिससे उनकी लागत बहुत ज्यादा बढ़ी है, और धान की फसल इस बार घाटे का सबब बनी थी। परंतु आज सुबह मानसून की जोरदार वर्षा से अब खेत पानी से भरे हैं तो राहत मिली है।
तेज बारिश से गलियों नालियों में जमा हुआ कूड़ा
तेज बारिश से गलियों नालियों में जमा हुआ कूड़ा कर्कट साफ हो गया है। वहीं कंडी इलाका की गैर सिंचित भूमि में खेती करने वाले किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं क्योंकि अमरोह, रामगढ़, चमूहि, कमाही देवी, रामपुर, बड़ला आदि इलाकों के सैकड़ों गांवों की मुख्य फसल मक्की है। लिहाजा अब वर्षा होने के चलते अब यहां मक्की, चारे के लिए बाजरा ,चरी,ज्वार और दलहनी फसलों जैसे मूंग, माश की बिजाई तो लगभग हो चुकी अब बढ़िया फसल की उम्मीद बन गई है।
मक्की की फसल होगी भरपूर
किसानों शक्ति सिंह ,विनोद ,जोगिन्दर का कहना है की अब मक्की की फसल भरपूर होगी। इससे पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता भी आसान होगी। वहीं तालाबों व छपडों में पानी भरने से जंगली जानवरों, आवारा पशुओं को राहत मिलेगी अब उन्हें जंगल में ही पीने के लिए पानी मिलेगा और जान जोखिम में डाल कर उन्हें अब आबादी का रुख नहीं करना पड़ेगा।
वहीं इन दिनों भूजल स्तर में भारी गिरावट देखने को मिली थी दातारपुर क्षेत्र के किसान खासे परेशान थे क्योंकि धान की फसल लगाने के समय पानी के लाले पड़े थे।
पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी सही
कुओं और बोर में पानी नहीं के बराबर था और पानी की सही आपूर्ति नहीं हो पा रही थी अब इस भारी वर्षा के कारण भूजल स्तर में भी सुधार होगा जो सुखद बात है। क्योंकि इस वर्षा से भूजल स्तर भी रीचार्ज होगा।
कृषि विकास अधिकारी डा. अजर कंवर का कहना है बारिश की कमी से इस बार धान का काम कुप्रभावित हुआ था। उन्होंने किसानों का धन्यवाद भी किया कि उन्होंने सरकार के 21 जून से पहले धान न लगाने के आदेशों का पालन किया है। उन्होंने कहा इसी प्रकार मानसून के बादल बरसे तो फसल भरपूर होगी और भूजल स्तर भी रीचार्ज होगा जो भविष्य के लिए शुभ रहेगा।