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मुलायम सिंह यादव की अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर अखिलेश ने पत्नी डिम्पल के साथ गंगा में लगाई डुबकी, हरिद्वार में स्नान अनुष्ठान और तर्पण के वक्त मौजूद रही नेता जी की पूरी फैमिली, सबकी आंख से छलके आंसू

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का अस्थि कलश सैफई से लेकर अखिलेश यादप पूरे परिवार के साथ हरिद्वार पहुंचे। यहां चंडीघाट स्थित नमामि गंगे घाट (नीलधारा) में विधि-विधान के साथ नेता जी की अस्थियों को अखिलेश ने गंगा में प्रवाहित किया। इस अवसर पर अखिलेश अपनी पत्नी के साथ गंगा में डुबगी भी लगाई। साथ ही अस्थि विसर्जन के वक्त सपा प्रमुख के अलावा परिवार के सदस्यों की आंखें छलक उठीं।

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का इलाज के दौरान गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में 10 अक्टूबर को निधन हो गया था। अखिलेश यादव परिवार के साथ नेता जी के पार्थिक शव को लेकर अपने पैतृक गांव सैफई पहुंचे थे। 11 अक्टूबर की शाम अखिलेश यादव ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सैफई जाकर नेता जी को श्रृदांजलि दी थी। देश के नेता व कारोबारी और फिल्म स्टार भी नेता जी को श्रृद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे थे। 12 अक्टबूर की सुबह अखिलेश ने अपने पिता की अस्थियों को चुनने के बाद कलश में रखा था।

अखिलेश अपने परिवार के साथ चार्टर्ड प्लेन से सोमवार को हरिद्वार पहुंचे। इस मौके पर मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव, प्रतीक यादव, बहू डिंपल यादव, अखिलेश की बेटी टीना यादव, अदिति यादव, बेटा अर्जुन यादव और मुलायम के भाई शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव, धर्मेंद्र यादव, तेजस प्रताप यादव, अंशुल यादव, अक्षय यादव आदि परिवार के लोग अस्थि कलश लेकर दोपहर में 1ः 35 बजे नमामि गंगे घाट पर पहुंचे। तीर्थ पुरोहित शैलेश मोहन, नितिन शर्मा माणा ने कर्मकांड संपन्न कराया। इसके बाद अखिलेश यादव ने अस्थियां गंगा में प्रवाहित कीं।

अस्थि विसर्जन के बाद परिवार के सभी लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई और मुलायम सिंह यादव की आत्मा की शांति के लिए कामना की। इसके बाद सभी लोग इटावा के लिए रवाना हो गए। उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश के तमाम विधायक, पूर्व विधायक, सांसद और पदाधिकारी, कार्यकर्ता नमामि गंगे घाट पर सुबह करीब साढ़े नौ बजे ही पहुंच गए थे। अस्थि कलश पहुंचने और विसर्जन के दौरान गंगा घाट पर धरती पुत्र अमर रहे, नेताजी अमर रहे और जिंदाबाद के नारे लगे।

इस मौके पर मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक भी मौजूद थे। कुछ क्रिया कलापों में आखिलेश यादव ने प्रतीक को बुलाकर शामिल कराया। इस पूरे ही क्रिया कलापों की तस्वीरें समाजवादी पार्टी लगातार सोशल मीडिया पर शेयर करती रही। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अस्थियां लेकर सैफई की कोठी से निकलने से लेकर हरिद्वार नमामि गंगे घाट पर अस्थि विसर्जन करने तक समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर लगातार तस्वीरें और वीडियो शेयर किए जाते रहे।

गौरतलब है कि मुलायम सिंह की मृत्यु के बाद शांति पाठ का आयोजन 21 अक्टूबर को सैफई में किया जाएगा। इस दिन ब्राह्मण भोज भी होगा। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के मुताबित किसी व्यक्ति के निधन के 13 दिन बाद तेरहवीं होती हैं, लेकिन सैफई की परंपरा कुछ अलग है। इन परंपराओं का पालन करते हुए मुलायम सिंह की तेरहवीं नही की जाएगी। सैफई में इसको लेकर तैयारी जोरों पर चल रही हैं। अनुमान के मुताबिक, लाखों की संख्या में नेता के चाहने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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