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पत्नी के निधन के बाद टूट गए थे मुलायम सिंह यादव, अपनी प्रियसी से बेइंतहा मोहब्बत करते थे ‘नेता जी’, बड़ी दिलचस्प है नर्स और सियासत के ‘सुल्तान’ की 1982 वाली लव स्टोरी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव बीते रविवार से मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है और डॉक्टर्स की एक टीम उनका इलाज कर रही है। इसबीच नेता जी को देखने के लिए लालू प्रसाद यादव समेत कई दिग्गज नेता अस्पताल पहुंच रहे हैं तो वहीं उनके प्रशंसक भी पूजा-पाठ कर भगवान की दर पर जाकर माथा टेक रहे हैं। इसबीच हम आपको भारत के इकलौते ‘नेता जी’ की जिंदगी से जुड़े एक किस्से से रूबरू कराने जा रहे हैं। जिसे पढ़कर आप भी हैरान हो जाएंगे। पहलवान से नेता बने मुलायम सिंह अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना गुप्ता को दिल दे बैठे और दोनों के बीच प्यार हो गया। नेता जी ने साधना सिंह से शादी की। पर पिछले दिनों बीमारी के चलते साधना जी का निधन हो गया। जिसके बाद से मुलायम सिंह लगातार बीमार रहने लगे। उनके जानने वाले बताते हैं कि, मुलायम सिंह अपनी पत्नी साधना की मौत के बाद टूट गए थे। हालांकि वह समय मिलने पर सपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अखिलेश यादव से भी मिला करते थे।

मुलायम सिंह का मेदांता में चल रहा इलाज
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तबीयत स्थिर है। गुरुवार दोपहर को जारी उनके हैल्थ बुलेटिन के अनुसार, वह आईसीयू में वेंटिलेटर पर हैं और उन्हें जीवनरक्षक दवाएं दी जा रही हैं। यूपी के सीएम अखिलेश यादव और परिवार के तमाम लोग अस्पताल में मौजूद है। मुलायम सिंह के समर्थक उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे हैं । इसी बीच एक समर्थक अस्पताल पहुंचा और नेताजी के बारे में बात करते हुए रोने लगा। जानकारी होने पर अखिलेश यादव ने उसको समझाते हुए कहा कि रो मत नेताजी ठीक हो जाएंगे। उधर, बुधवार देर शाम राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सपा संरक्षक का हाल जानने गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल पहुंचे और मुलायम सिंह का हाल जाना। साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी अस्पताल जाकर मुलायम सिंह यादव का हाल जाना।

तीन माह पहले पत्नी साधना गुप्ता हुआ था निधन
समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता जुलाई 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। पत्नी के निधन के बाद से मुलायम सिंह यादव की तबियत लगातार खराब रही। सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन्हें मेदांता अस्पताल में लेकर आते रहते थे। इससे पहले उन्हें जुलाई मे भर्ती करवाया गया था। इलाज के बाद मुलायम सिंह यादव अपने आवास पर ही रहते थे। कभी-कभार ही वह घर के बाहर आते थे। मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के एक बेटे हैं। जिनका नाम प्रतीक यादव है। प्रतीक की शादी अपर्णा बिष्ट यादव से हुई थी। अपर्णा ने समाजवादी पार्टी से रिजाइन कर बीजेपी ज्वाइन की थी। मुलायम सिंह यादव की देखरेख अखिलेश के अलावा प्रतीक यादव भी करते हैं।

अस्सी के दशक में सबसे ताकतवर नेता बने मुलायम सिंह
1967 में बतौर विधान सभा सदस्य राजनीतिक सफ़र शुरू करने वाले मुलायम सिंह यादव अस्सी के दशक तक उत्तर प्रदेश के बहुत प्रभावशाली और शक्तिशाली नेता बन गए थे। वैसे राजनीतिक सफ़र में नेताओं के जीवन में महिलाओं का आना आम बात रही है। मुलायम सिंह यादव भी अपवाद नहीं थे। जब वह उत्तर प्रदेश के शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे तो उनके जीवन में अचानक पत्नी साधना गुप्ता की एंट्री हुई। मुलायम सिंह और साधना गुप्ता की प्रेम कहानी कब शुरू हुई, इस बारे में अधिकृत या लिखित ब्यौरा किसी के पास नहीं है। अखिलेश यादव की जीवनी ‘विंड्स ऑफ़ चेंज’ लिखने वाली टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लखनऊ संस्करण की संपादक रहीं पत्रकार सुनीता एरोन ने मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता की लव-स्टोरी के बारे में भी लिखा है।

औरैया की साधना गुप्ता को दे बैठे दिल
औरैया जिले के बिधूना गांव के रहने वाले कमलापति गुप्ता और हेम लता गुप्ता की 20 साल की बेटी साधना गुप्ता 1982 में लखनऊ से नर्सिंग कोर्स की ट्रेनिंग कर रही थी। एक दिन वह लोकदल के कार्यक्रम में पहुंच गई और विधिवत लोकदल की सदस्यता ले ली। उसी साल लोकदल के अध्यक्ष बने मुलायम सिंह यादव से उनकी पहली मुलाकात हुई। मुलायम की नज़र युवा पदाधिकारी साधना गुप्ता पर एक बार गई, तो हटी ही नहीं। पहली मुलाक़ात में वह उम्र में अपने से 23 साल छोटी साधना को दिल दे बैठे। यहीं से मुलायम-साधना की अनोखी प्रेम कहानी शुरू हुई, जो कई-उतार चढ़ाव के बाद सक्सेसफुल हुई।

चंद्रप्रकाश गुप्ता और साधना गुप्ता का औपचारिक रूप से तलाक़

साधना गुप्ता और फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता की शादी 4 जुलाई 1986 को हुई थी। अगले साल 7 जुलाई 1987 को प्रतीक गुप्ता (अब प्रतीक यादव) का जन्म हुआ। चंद्रप्रकाश को अपनी पत्नी और मुलायम सिंह के बीच अफेयर की भनक लग गई। इस पर दोनों में बहुत गंभीर विवाद हुआ। लिहाज़ा 1990 में चंद्रप्रकाश गुप्ता और साधना गुप्ता का औपचारिक रूप से तलाक़ हो गया। पहले पति से तलाक के बाद साधना गुप्ता अपने बेटे के साथ रहने लगीं। मुलायम सिंह अक्सर उनसे मिलने आते। इस दौरान स्कूल में प्रतीक यादव के नाम के आगे मुलायम सिंह का नाम भी दर्ज करवा दिया। बताया जाता हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी यादव को लग गई, लेकिन उन्होंने दोनों के बारे में कुछ नहीं कहा।

नर्स के तौर पर मुलायम की मां की देखभाल भी की
अखिलेश यादव की बायोग्राफी ’बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है। इस किताब में बताया गया है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब साधना गुप्ता मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं। एक बार सैफई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, उस वक्त साधना ने ही नर्स को रोका था। दरअसल, साधना भी नर्स रही थीं। उन्होंने नर्सिंग का कोर्स करने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया था। जब ये बात मुलायम को मालूम हुई तो वह साधना से काफी प्रभावित हुए थे। दोनों का प्यार परवान चढ़ रहा था और परिवार के अलावा अन्य लोग भी रिश्ते के बारे में जानते थे, पर किसी ने विरोध नहीं किया।

2003 में पत्नी का दिया दर्जा
शुरुआत में अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है। उन्होंने किसी से कहा नहीं। साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया। उसी साल मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का निधन हुआ था। साधना गुप्ता को पत्नी स्वीकार करने पर अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज हुए थे। कहा जाता है कि तब समझौता हुआ था कि साधना के बेटे प्रतीक यादव राजनीति से दूर रहेंगे। साधना भी राजनीति से दूर ही रहीं। हालांकि, बाद में साधना गुप्ता की बहू और प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव ने जरूर राजनीति में कदम रखा। अपर्णा विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। अपर्णा फिलहाल बीजेपी में हैं।

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