रिपोर्ट- नितिन ठाकुर
देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय सम्मेलन का आज आखिरी दिन है। सम्मेलन में प्रोफेसर मौलाना नोमानी शाहजहांपुरी ने कॉमन सिविल कोड पर प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, कि “मुस्लिम पर्सनल लॉ को खत्म करने के लिए सरकार कॉमन सिविल कोड लाना चाहती है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शादी और तलाक जैसी चीजें मुस्लिम मजहब का हिस्सा हैं। मुल्क के हर शहरी को आजादी का हक हासिल है। मुसलमान अपने मजहबी लॉ में कोई बदलाव मंजूर नहीं करेंगे। अगर सरकार ऐसा करती है तो हम हर तरह के विरोध को मजबूर होंगे।”
ज्ञानवापी और मथुरा पर चर्चा
सम्मेलन में 25 राज्यों से जमीयत के 1500 प्रमुख सदस्य शामिल हुए हैं। वाराणसी के ज्ञानवापी, मथुरा के शाही ईदगाह-श्रीकृष्ण जन्मभूमि, कुतुबमीनार जैसे मसलों पर चर्चा हो रही है। आज के सम्मेलन पर देशभर के मुसलमानों समेत तमाम हिंदूवादी दलों की भी निगाहें टिकी हैं। इस सम्मेलन में देशभर के करीब तीन हजार मुसलमान शामिल हुए हैं।