चीन में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट बीएफ-7 ने कोहराम मच रखा है। संक्रमण की वजह से हालात बेकाबू हो चुके हैं। कोरोना के इस नए वैरिएंट चीन के आलाव भारत भी दस्तक देदी है। भारत सरकार और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर आ गईं हैं। भारत सरकार ने नेजल वैक्सीन को मान्यता देदी है। इस नेजल वैक्सीन को भारत बायोटेक और अमेरिका यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है। नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। नेजल वैक्सीन पहले निजि अस्पतालों में उलब्ध होगी।
भारत बायोटेक की यह इंट्रानेजल वैक्सीन व्यापक रूप से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करने में सहायक होगी। सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस सामान्य तौर पर म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। यह नाक में मौजूद एक ऊतक है। वायरस म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को संक्रमित करते हैं।
वायरल एंट्री करते ही होगा खत्म
ऐसे में नेजल शॉट के माध्यम से वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इंट्रानेजल वैक्सीन शॉट इम्युनोग्लोबुलिन ए (आईएजी) का उत्पादन करते हैं, जो वायरस के प्रवेश की साइट यानी नाक में ही मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करके वायरस को बढ़ने से रोक सकते हैं।
वैक्सीन कैसे करेगी काम
भारत बायोटेक द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक यह नेजल वैक्सीन, अब तक प्रयोग में लाई जा रही अन्य वैक्सीन्स से काफी अलग और प्रभावी है। कुछ बातें इसे बेहद खास बनाती हैं। यह वैक्सीन चूंकि नाक के माध्यम से दी जाती है जो नाक के भीतर प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करके वायरस के प्रवेश करते ही उसे निष्क्रिय कर देगी। अब तक दी जा रही वैक्सीन्स से अलग, इसके लिए निडिल की आवश्यकता नहीं होगी।