अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सूबे में सियासत पारा चढ़ना शुरू हो गया है। जीत-हार के लिए राजनीतिक दल के नेता अब एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक, गुजरात में 2 दिसंबर और 5 दिसंबर को वोटिंग होगी। हिमाचल प्रदेश के साथ ही 8 दिसंबर को मतों की गिनती होगी। गुजरात में कुल 4 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। इसबार 4 लाख 60 हजार नए वोटर्स सरकार बनाने में अहम रोल अदा करेंगे।
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुजरात में मोरबी पुल हादसे पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में इस बार 4.6 लाख लोग पहली बार वोट करेंगे। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक, गुजरात विधानसभा चुनाव 2 फेज में होगा। 182 सीटों के लिए हो रहे इस चुनाव में 1 दिसंबर को 89 सीटों पर और 5 दिसंबर को 93 सीटों पर वोटिंग होगी। नतीजे 8 दिसंबर को यानी हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ ही आएंगे। गुजरात में कुल 4 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि, कोरोना संक्रमित वोटर अपने घर से वोट करेगा। इसके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, कोई ईवीएम पर सवाल उठाता है और वो चुनाव जीत जाता है तो सवाल बंद हो जाते हैं। हमारा मकसद निष्पक्ष चुनाव है और चुनाव आयोग आज नहीं बना। हमेशा से ही हमारी निष्पक्षता जगजाहिर रही है। जब क्रिकेट का मैच होता है तो दोनों पार्टियां अंपायर को ब्लेम करते हैं। यहां कोई थर्ड अंपायर तो है नहीं। चुनाव आयोग आज तो बना नहीं है ये एक विरासत है। हमारी ड्यूटी यह है कि निष्पक्षता जो पहले से बनी है, उसे हम आगे बढ़ाएं।
अभी बीजेवी की ओर से भूपेन्द्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा। बीजेपी के अलावा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी मैदान में हैं। हालांकि, दोनों पार्टियों ने अब तक सीएम कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। बात कांग्रेस की करें तो पार्टी में भरत सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल सीएम पद के लिए रेस में सबसे आगे हैं। आम आदमी पार्टी में अभी तक गोपाल इटालिया ओर इशुदान गढवी सीएम के दावेदार हैं।
पिछली बार से इस बार का चुनाव बिलकुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी वजह है- गुजरात में 2017 में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन आम आदमी पार्टी भी इस बार लड़ाई में शामिल है। वहीं पाटीदार आंदोलन की आग भी इस बार शांत है। आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। गुजरात में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें मोरबी पुल हादसा, कर्मचारियों की समस्या, महंगाई और पोर्ट पर पकड़े जाने वाला ड्रग्स है। मोरबी पुल हादसे के बाद चुनाव इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द सिमट गई है। बीजेपी पिछले 24 साल से सत्ता में है, ऐसे में पार्टी के खिलाफ एंटा इनकंबेंसी का भी असर है।
बीजेपी ने इस बार 182 सीटों में से 160 से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट बनाया है। गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को उम्मीदवारों के नामों को तय करने के लिए गांधीनगर पहुंच रहे हैं। बीजेपी को अब तक 4,340 लोगों के नाम मिले हैं। सबसे ज्यादा 1,490 उत्तर गुजरात से हैं। सौराष्ट्र से1,163, मध्य गुजरात से 962 और दक्षिण गुजरात से सबसे कम बायोडाटा 725 मिले हैं।
गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं। इनमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति व आदिवासी समाज के लिए सुरक्षित हैं। 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 99, कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थी। दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी , एक सीट एनसीपी को मिली थी, बाकी तीन सीटों में निर्दलीय जीते थे।
बता दें, राज्य में इस बार भाजपा, विपक्षी कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 99 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं। आम आदमी पार्टी गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए 108 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। आप एकमात्र पार्टी है, जिसने गुजरात में गुजरात चुनावों के मद्देनजर 100 से ज्यादा उम्मीदवारों की घोषणा की है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के चयन को लेकर लगातार मंथन कर रहे हैं।