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एक दुनिया का सबसे बड़ा ग्लोबल लीडर तो दूसरा देश का सबसे पॉपुलर पॉलिटिशियन, पर दोनों ‘आदिशक्ति’ के भक्त और 9 दिन बिना अन्न ‘दुर्गा’ की करते हैं उपासना, जानें पिछले 45 वर्षों की कठिन तपस्या के पीछे का रहस्य

लखनऊ । बड़े और कड़े फैसले लेने के लिए आध्यात्मिक ताकत की जरूरत के साथ ही मानसिक ताकत की जरूरत होती है। देश की सियासत की दो शख्सियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इनमें पूरी से फिट बैठते हैं। दोनों राजनेता आदिशक्ति से बड़े उपासक हैं और नवरात्रि पर्व पर नौ दिन निर्जला व्रत रखकर मां की साधना कर देश व यहां की जनता खुश रहे इसके लिए मन्नत मांगते हैं। प्रधानमंत्री मोदी कई वर्षों से नवरात्रि पर वृत रखते हैं तो वहीं योगी आदित्यनाथ भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए आदिशक्ति की भक्ति में लीन हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शक्ति साधना किसी से छिपी नहीं है। वह शक्ति के उपासक हैं। नवरात्रि का कठिन व्रत पिछले 45 सालों से रखते चले आ रहे हैं। वे अन्य त्याग कर 9 दिनों तक सिर्फ नींबू पानी पीकर और फल खाकर मां की आराधना करते हैं। 9 दिनों तक व्रत रहने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा देखने लायक होती है। केवल फलाहार और नींबू पानी पीकर 9 दिनों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दिनचर्या के सारे काम निपटा ते हैं उतनी ही ताकत के साथ उतरी ऊर्जा के साथ उनके चेहरे की चमक बताती है कि उन्हें व्रत से और ऊर्जा मिलती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी जनसभाओं से लेकर विदेशी दौरे तक कभी भी अपना व्रत नहीं तोड़ते। सितंबर 2024 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पहला अमेरिका दौरा किया था उस वक्त भी वह नवरात्र के उपवास पर थे तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनकी शान में एक भी डर आयोजित किया लेकिन तब पीएम ने सिर्फ नींबू पानी पिया उसके बावजूद उनकी एनर्जी में कोई कमी नहीं थी। जिसे देखकर ओबामा भी हैरान हो गए थे और उन्होंने मोदी की शक्ति आराधना की तारीफ की थी।

अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की। गोरक्ष पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ का ताल्लुक गोरखनाथ मठ से है। लिहाजा पूजा-पाठ उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा रहा है। लेकिन नवरात्र में योगी आदित्यनाथ की शक्ति उपासना देखने लायक होती है। योगी 9 दिनों तक अन्न त्याग कर देवी की कठिन उपासना करते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं योगी की नवरात्र की दिनचर्या कैसी होती है क्या खाते हैं क्या पीते हैं और कैसे निभाते हैं अपनी जिम्मेदारियां हम आपको बताते हैं।

नवरात्रि में योगी आदित्यनाथ कठिन तप करते हैं। नवरात्र की शुरुआत के साथ ही योगी अन्य का त्याग कर देते हैं सिर्फ फलाहार करते हैं और बाकी वक्त में मां दुर्गा का सप्तशती पाठ करते हैं। उनके साथ 21 ब्राह्मण भी लगातार मंत्र 4 करते हैं। चैत्र नवरात्र से भी कठिन व्रत योगी शारदीय नवरात्र में करते हैं। उस दौरान योगी आदित्यनाथ एकांतवास में चले जाते हैं। योगी आदित्यनाथ प्रथम दिन कलश स्थापना करते हैं। उसके बाद अष्टमी के दिन वह अपने कमरे से जब बाहर निकलते हैं तो उनके सिर पर उस वक्त एक खास टोपी होती है वो टोपी जो उनके गुरू पहना करते थे उनके साथ भाला लेकर साधु चलते हैं। अष्टमी के दिन वह नौ कन्याओं के पैर खुद अपने हाथों से धोते हैं उन्हें भोजन कराते हैं और फिर सभी को दक्षिणा देते हैं।

मां दुर्गा की अनन्य उपासक की योगी आदित्यनाथ इसीलिए 18 से 20 घंटे तक काम कर पाते हैं और नवरात्र के 9 दिनों तक उनके कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं होता। वे ताबड़ तोड़ फैसले लेते हैं बिना रुके बिना डरे और बिना किसी दबाव के यही वजह है मां के ये दो अनन्य उपासक आज पूरी दुनिया में अपने फैसलों और कामों को लेकर जाने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ एक बेहतरीन शासक-प्रशासक के साथ ही मधुर संत हैं। उनको प्यार करने वाले महाराज जी के नाम से भी पुकारते हैं तो कुछ लोग योगी को महंत भी कहते हैं।

 

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