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अब घर से स्कूल की दूरी की वजह से बीच में बेटियों को नही छोड़नी पड़ेगी पढ़ाई: सीएम मान का बड़ा फैसला- सरकारी स्कूलों में चलेंगी बसें, 20 हजार विद्यार्थियों को होगा फायदा, नहीं छूटेगी पढ़ाई

प्रोजेक्ट के पहले चरण में शामिल स्कूलों को शिक्षा विभाग सात-सात बसें खरीदकर देगा। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में यहां पर 7वीं तक के विद्यार्थियों को छुट्टी पहले कर दी जाएगी। इसके बाद बसें स्कूलों में दोबारा आकर बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों को लेकर उन्हें घर तक पहुंचाएगी..

अब घर से स्कूल की दूरी ज्यादा होने पर विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी। सरकार ऐसे विद्यार्थियों को स्कूलों तक लाने के लिए बसें चलाएगी। पहले चरण में सूबे के लड़कियों के 15 स्कूल और 117 स्कूल ऑफ एमिनेंस में से कुछ को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 21 करोड़ की राशि जारी की।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि जल्द ही प्रोजेक्ट साकार होगा। इस प्रोजेक्ट से 20 हजार विद्यार्थियों का फायदा होगा। इससे पंजाब के स्कूलों में ड्रॉप आउट की संख्या भी रुकेगी।

चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मान ने बताया कि पंजाब के अधिकतर एरिया में 5वीं कक्षा तक स्कूल बने हैं। इसके बाद की पढ़ाई करने में विद्यार्थियों को दिक्कत आती थी क्योंकि गांवों में स्कूल भी नहीं हैं और यातायात के साधन भी उचित नहीं हैं।

जब वह गांवों में जाते थे तो जहां 5वीं तक स्कूल बने हैं, वहां के लोग 8वीं कक्षा तक के स्कूल बनाने की मांग रखते थे।8वीं वाले 10वीं और 10वीं वाले 12वीं तक के स्कूल बनाने की मांग रखते थे।

इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि इन गांवों की स्कूलों से दूरी ज्यादा थी। ऐसे में खासकर लड़कियों के परिजन अपनी बेटियों को स्कूलों से हटा देते थे क्योंकि स्कूलो तक कोई सीधी बस सेवा नहीं है। उन्हें स्कूल जाने के लिए ट्रॉलियों के पीछे लटककर या फिर किसी अजनबी से लिफ्ट लेनी पड़ती थी। ऐसे में लड़कियों के परिजन इसे सुरक्षित नहीं समझते। वह स्कूलों से अपने बच्चों का हटा लेते थे।

12 हजार लड़कियों को होगा फायदा

मुख्यमंत्री ने बताया कि ये बातें उन्होंने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस से साझा कीं। ऐसे में उन गांवों व बच्चों का पता लगाया गया, जिन्हें स्कूल दूर होने की वजह से दिक्कत आती थी। इस सर्वे में सामने आया कि इससे 20 हजार विद्यार्थी प्रभावित होते हैं।

इनमें आठ हजार लड़के और 12 हजार लड़कियां हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने लड़कियों के 15 बड़े स्कूलों को चुना है, जहां पर छात्राओं को दिक्कत आती थी। इसके बाद अब प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा।

एक स्कूल को मिलेंगी सात बसें

प्रोजेक्ट के पहले चरण में शामिल स्कूलों को शिक्षा विभाग सात-सात बसें खरीदकर देगा। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में यहां पर 7वीं तक के विद्यार्थियों को छुट्टी पहले कर दी जाएगी। इसके बाद बसें स्कूलों में दोबारा आकर बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों को लेकर उन्हें घर तक पहुंचाएगी।

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