मरीजों को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से मिलने वाली जेनेरिक दवाईयों का लाभ पहुंचाने के लिए यूटी स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने पीजीआइ निदेशक प्रो. विवेक लाल को संस्थान के इमरजेंसी ब्लाक में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पत्र लिखा है। पीजीआइ इमरजेंसी में सबसे ज्यादा मरीज आते हैं यहां रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं जोकि एक ही केमिस्ट से दवाईयां खरीदते हैं..
यूटी स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने पीजीआइ निदेशक प्रो. विवेक लाल को संस्थान के इमरजेंसी ब्लाक में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पत्र लिखा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से मिलने वाली जेनेरिक दवाईयों का लाभ पहुंचाया जा सके।
बता दें इस समय पीजीआइ के इमरजेंसी ब्लाक में जो केमिस्ट शाप है, पीजीआइ प्रशासन ने इस केमिस्ट शाप को टेंडर के जरिए 6.7 लाख रुपये प्रति दिन के किराए पर अलाट किया है। पीजीआइ इमरजेंसी में सबसे ज्यादा मरीज आते हैं, यहां रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं जोकि एक ही केमिस्ट से दवाईयां खरीदते हैं।
मरीजों को इमरजेंसी ब्लाक में एक भी जन औषधि केंद्र न होने की वजह से मजबूरन केमिस्ट से महंगी ब्रांडेड दवाईयां खरीदनी पड़ती है। ऐसे में यूटी स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने पीजीआइ निदेशक को यहां इमरजेंसी ब्लाक में जगह तलाश कर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले जाने के लिए कहा है।
शहर के चार और अस्पतालों में खुलेंगे जन औषधि केंद्र
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को बढ़ावा देने के लिए यूटी स्वास्थ्य विभाग ने एक और अन्य अहम फैसला लिया है। स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने बताया इस समय सरकारी अस्पताल जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 में एक-एक जन औषधि केंद्र ही हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दो जन औषधि केंद्र होने की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद मरीजों को सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाईयां नहीं मिल पाती।
शहर के बाकी सिविल अस्पताल और 100 बेड के अस्पताल में एक भी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र न होने से मरीजों को मजबूरन महंगी और ब्रांडेड दवाईयां खरीदनी पड़ती है। ऐसे मं स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने इस बैठक में निर्णय लिया कि शहर के चार अस्पतालों में पीएम जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे।
इन चार अस्पतालों में खुलेंगे नए जन औषधि केंद्र
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि शहर के सेक्टर-22 सिविल अस्पताल, सेक्टर-45 सिविल अस्पताल, सिविल अस्पताल मनीमाजरा और सेक्टर-48 के अस्पताल में मरीजों के लिए जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। कारण यहां एक भी जन औषधि केंद्र नहीं है। यहां केवल प्राइवेट केमिस्ट उपलब्घ होने के कारण मरीजों को महंगी व ब्रांडेड दवाईयां खरीदनी पड़ती है।
स्वास्थ्य सचिव ने निदेशक स्वास्थ्य डा. सुमन सिंह और जीएमसीएच-32 की डायरेक्टर प्रिंसिपल डा. जसबिंदर कौर को इन अस्पतालों में इंस्पेक्शन कर जगह तलाश कर अगले एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है, ताकि इन जगहों पर जन औषधि केंद्र खोले जा सके।