BBC documentary: बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC documentary) पर विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू सेना (Hindu Sena) के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता (Vishnu Gupta) ने भारत में बीबीसी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन) को प्रतिबंधित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए, उसे खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया था कि 2002 के गुजरात (Gujrat) दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (documentary) के माध्यम से देश में अस्थिरता का माहौल बनाने की कोशिश की गई। इस पूरे प्रकरण की जांच एनआईए (NIA) से कराने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने आप हमसे ऐसी उम्मीद कर सकती हैं
याचिकाकर्ता की तरफ से जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की बेंच के सामने वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद पेश हुईं। सुनवाई की शुरुआत में ही जस्टिस खन्ना ने याचिका पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि क्या वाकई आप हम से यह उम्मीद कर रही हैं कि हम किसी प्रसारण संस्था पर प्रतिबंध लगा देंगे। इस पर पिंकी आनंद ने कहा कि कोर्ट सरकार को ऐसा निर्देश दे सकता है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत ऐसा किया जा सकता है।
एक डॉक्यूमेंट्री से देश की अर्थव्यवस्था नहीं बिगड़ेगी
वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने कहा कि भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ कर विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अब एक ब्रिटिश संस्था भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है। इस पर जज ने कहा कि एक डॉक्यूमेंट्री से देश की अर्थव्यवस्था पर फर्क नहीं पड़ जाएगा। पिंकी आनंद ने कहा कि 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले, 1992 के मुंबई दंगे समेत तमाम मामलों पर बीबीसी भ्रामक कार्यक्रम बनाता रहा है।
याचिका खारिज कर दी
जज किसी भी दलील पर आश्वस्त नजर नहीं आए। उन्होंने कहा कि याचिका का कोई ठोस आधार नहीं है। इसके बाद बेंच ने याचिका खारिज कर दी। दिल्ली के रहने वाले विष्णु गुप्ता के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले बीरेंद्र कुमार सिंह भी मामले में याचिकाकर्ता थे।