जम्मू। आजादी के उत्सव पर आतंकियों द्वारा जगह-जगह तबाही मचाने के इनपुट सुरक्षा एजेंसियों को मिले है। इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस बीच सुरक्षाबल जवानों ने आतंकियों की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया। आतंकी जम्मू-कश्मीर के परगल में उरी हमले जैसी घटना को दोहराने के फिराक में थे, लेकिन आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।
आर्मी कैंप में घुसने का प्रयास
परगल कैंप राजौरी से 25 किमी की दूरी पर है।हालांकि इस घटना में 3 जवान शहीद होने की खबर आ रही है। वहीं 5 जवान जख्मी भी हुए हैं। सुरक्षाबल जवानों ने 2 आतंकियों को भी ढेर कर दिया है। सर्च अभियान चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आर्मी कैंप पर यह आत्मघाती हमला है। बताया जा रहा है कि राजौरी के दरहाल इलाके परगल स्थित सेना कैंप की बाड़ किसी ने पार करने की कोशिश की थी, इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस इलाके में आतंकियों की मौजूदगी के इनपुट्स के बाद सर्च अभियान चलाया जा रहा था।
एक दिन पहले ढेर किया था कश्मीरी पंडित का हत्यारा
सुरक्षाबल जवानों ने एक दिन पहले यानी बुधवार को जम्मू-कश्मीर में बडगाम जिले के वाटरहेल इलाके में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में से एक लतीफ राथर था, जो कश्मीरी पंडित राहुल भट, अमरीन भट सहित कई नागरिकों की हत्या में शामिल था।
उरी हमले में शहीद हुए थे 19 जवान
आपको बता दें कि 18 सितंबर 2016 को कश्मीर के उरी में आतंकवादी सेना के कैंप में घुसे और हमला कर दिया था। 3 मिनट के भीतर ही आतंकियों ने 15 से ज्यादा ग्रेनेड फेंके, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। सेना के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए आतंकियों पर फायरिंग की। सेना की जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकी मारे गए। इस हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा था। भारतीय सेना ने इस हमले का जवाब देने के लिए पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसमें 38 से 40 आतंकी मार गिराए थे।