लखनऊ। स्वतंत्रदेव सिंह के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से रिजाइन करने के बाद यूपी में नए बीजेपी चीफ की खोज चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जल्द बड़ा फैसला लेने वाले हैं। दिल्ली में मंथन के बाद यूपी बीजेपी चीफ की दौड़ में सबसे टॉप पर केशव प्रसाद मौर्य का नाम बताया जा रहा है। मौर्य ओबीसी समाज से आते हैं और 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी की जीत में अमह रोल निभाया था। इसके साथ ही ब्राह्मण वर्ग से आने वाले दिनेश शर्मा और बीएल वर्मा के नामों पर भी मंथन चल रहा है। नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन में जातीय संतुलन दिखेगा। सूत्रों के मुताबिक 2 से 3 दिन में ऐलान भी कर दिया जाएगा।
2017 के चुनाव में दिलाई थी प्रचंड जीत
2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अमित शाह को यूपी का प्रभारी बनाया गया था। उन्होंने बेहतरीन रणनीति के बल पर सपा-बसपा का सूबे से सफाया करते हुए 80 में 75 सीटों पर कमल का फूल खिलाया था। बतौर यूपी प्रभारी रहते हुए अमित शाह ने 2017 में केशव प्रसाद मौर्य को सूबे का प्रदेश अध्यक्ष बनवाया। उनके ही नेतृत्व में भाजपा ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा। इसमें 325 से सीट लाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी की प्रदेश इकाई के पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं।
बनाए गए डिप्टी सीएम
2017 के प्रचंड जीत के बाद केशव प्रसाद मौर्य को सूबे का सीएम बनाए जाने की चर्चा थी। उन्हें दिल्ली भी बुलाया गया, लेकिन पार्टी हाईकमान ने आखिर में योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगाई। योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बनें तो केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया। डिप्टी सीएम बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से रिजाइन कर दिया और फिर डॉक्टर महेंद्रनाथ पांडेय को यूपी बीजेपी चीफ की जिम्मेदारी दी गई। 2019 में केंद्र में दूसरी बार सरकार बनने के बाद महेंद्रनाथ पांडेय को मंत्री बनाया गया। स्वतंत्रदेव सिंह को यूपी का बीजेपी अध्यक्ष नियूक्त किया गया।
तस्वीर की थी शेयर
केशव ने पिछले सप्ताह कुछ दिन दिल्ली में बिताए। 22 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा से मुलाकात की। तस्वीरें भी शेयर की। इसी के बाद चर्चाएं तेज हैं कि, केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में यूपी में बीजेपी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़े। बता दें, केशव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और भाजपा में करीब 18 साल तक प्रचारक रहे हैं। श्रीराम जन्म भूमि, गोरक्षा और हिन्दू हित के लिए कई आंदोलन किया। इसके लिए जेल भी गए। इसीलिए वो अध्यक्ष के लिए सबसे भरोसेमंद चेहरा माने जाते हैं।
ओबीसी चेहरा पार्टी की पहली पसंद
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी यूपी में पार्टी की कमान किसी ओबीसी चेहरे को देना चाहती है। पार्टी के मुखिया और एक डिप्टी सीएम सवर्ण हैं। पिछले चुनावी नतीजों को देखें तो पार्टी को सवर्णों के बाद सबसे ज्यादा वोट अेबीसी समाज से ही मिलता है। ऐसे में पार्टी की कमान ओबीसी को देकर सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल बनाने की चर्चा है।
इन नामों की भी चर्चा
केशव प्रसाद मौर्य के साथ डॉ. दिनेश शर्मा, सुब्रत पाठक, हरीश द्विवेदी, डॉ. रामशंकर कठेरिया, विनोद सोनकर, कौशल किशोर के नाम भी पद्रेश अध्यक्ष की लिस्ट में बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की पहली पसंद केशप प्रसाद मौर्य बताए जा रहे हैं। क्योकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह के साथ मिलकर केशव प्रसाद मौर्य ने सपा-बसपा का जातिगत राजनीति को खत्म कर दी थी। दोआब की सभी सीटों पर बीजेपी जीती थी। बुंदेलखंड में सपा-बसपा का पूरी तरह से सफाया हो गया।